नवरात्रि (Navratri) हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। नवरात्रि को पूरे देश में धूमधाम के साथ मनाया जाता है। मां दुर्गा की उपासना के नौ दिन भक्तों के लिए बेहद खास होते हैं। इन दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। कई भक्त नवरात्रि के नौ दिन व्रत रखते हैं तो कई पहला और आखिरी रखकर मां दुर्गा (Maa durga) की उपासना करते हैं। मान्यता है कि नवरात्रि (Navratri) के दौरान मां दुर्गा (Maa durga) की विधि-विधान से पूजा करने से उनता आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस साल चैत्र नवरात्रि 13 अप्रैल से शुरू होकर 22 अप्रैल तक रहेंगे।
इस साल चैत्र नवरात्रि मंगलवार के दिन से शुरु हो रहे हैं। इसलिए मां की सवारी अश्व यानी घोड़ा मानी जाएगी। शास्त्रों में मां दुर्गा का अश्व पर आना गंभीर माना जाता है। भागवत पुराण के अनुसार, नवरात्रि पर मां दुर्गा जब घोड़े की सवारी करते हुए आती हैं तो इसका असर प्रकृति, देश आदि पर देखने को मिलता है।
नवरात्रि के नौ दिन माता के नौ स्वरूप
नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री (Mother shailputri) को समर्पित है। इस दिन कलश स्थापना यानी घटस्थापना की जाती है। मां शैलपुत्री की पूजा करने से व्यक्ति पर मां का आशीर्वाद बना रहता है।
नवरात्रि का दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी (Maa brahmacharini) को समर्पित है। इनकी पूजा करने से व्यक्ति में तप, त्याग, सदाचार और संयम की भावना जागृत होती है।
नवरात्रि का तीसरा दिन मां चंद्रघंटा (Maa Chandraghanta) को समर्पित है। इनकी पूजा करने से वाणी मधुर होती है।
नवरात्रि का चौथा दिन मां कुष्मांडा (Maa Kushmanda) को समर्पित है। इनकी पूजा करने से रोग-शोक दूर होते हैं और आयु और यश में वृद्धि होती है।
नवरात्रि का पांचवां दिन मां स्कंदमाता (Maa skandamata) को समर्पित है। इनकी पूजा करने से मोक्ष के द्वारा खुल जाते हैं।
नवरात्रि का छठा दिन मां कात्यायनी (Mother Katyayani) को समर्पित होता है। इनकी पूजा करने से दुश्मन निर्बल हो जाते हैं।
नवरात्रि का सातवां दिन मां कालरात्रि (Maa kalratri) को समर्पित होता है। इनकी पूजा करने से व्यक्ति को उसके सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है।
नवरात्रि का आठवां दिन मां महागौरी (Maa Mahagauri) को समर्पित होता है। इनकी पूजा करने से समस्त पापों का नाश होता है और सुखों में वृद्धि होती है।
नवरात्रि का नौवां दिन मां सिद्धिदात्री (Maa siddhidatri) को समर्पित है। इनकी पूजा करने से व्यक्ति को समस्त नव-निधियों की प्राप्ति होती है।
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved