भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने प्रदेश के सभी कमिश्नर से चर्चा कर कोरोना (Corona infection) की स्थिति की विस्तार से जानकारी ली और संभाग स्तर पर रोगियों के लिए बेड संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के करीब एक तिहाई जिलों में संक्रमण (Corona infection) ज्यादा होने के नाते उन जिलों के संभागीय मुख्यालय पर जरूरी उपचार प्रबंध सुनिश्चित किया जाए। इन जिलों में संक्रमण (Corona infection) की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए संभागीय आयुक्त (Divisional Commissioner) आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित करें। इसके साथ ही वैक्सीनेशन की गति भी तीव्र की जाए। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में 29 मार्च तक 32 लाख 35 हजार नागरिक वैक्सीन डोस लगवा चुके हैं। प्रभारी अधिकारी दौरा करें मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अपने प्रभार के जिलों का भ्रमण कर कोरोना के उपचार एवं अन्य व्यवस्थाओं को देखें और आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित करें। रोगियों की जाँच] उनके उपचार और आइसोलेशन के प्रबंध, जन-जागरूकता और वैक्सीनेशन कार्यों की समीक्षा भी की जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश स्तर पर प्रतिदिन कोरोना की जिलेवार समीक्षा की जा रही है। इसी तरह प्रभारी अधिकारी अपने जिले में कोरोना के नियंत्रण के लिए आवश्यक सभी व्यवस्थाओं को देखते हुए इनके क्रियान्वयन का भी निरंतर अनुश्रवण करें।सीमित लॉकडाउन संक्रमण पर अंकुश लगाने में सहयोगी मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र से आने वाले यात्रियों की थर्मल स्कैनिंग का कार्य जारी रखा जाए। प्रदेश में अधिक संक्रमण वाले नगरों में सीमित लॉकडाउन की व्यवस्था लागू रहेगी। बाजारों में भीड़ पर नियंत्रण से पॉजिटिव प्रकरण भी कम हो रहे हैं। इसलिए सीमित लॉक डाउन की व्यवस्था जिन स्थानों पर आवश्यक है वहाँ जारी रखी जायेगी। पूरे प्रदेश में संक्रमण की स्थिति की समीक्षा करते हुए शीघ्र ही अन्य आवश्यक निर्णय लिए जाएंगे।अच्छी प्रैक्टिसेस को अन्य जिले अपनाएँ मुख्यमंत्री ने कहा जिन जिलों ने जागरूकता से कोरोना के संक्रमण को नियंत्रित करने में सफलता प्राप्त की है, अन्य जिलों में भी इसका अनुकरण होना चाहिए। बैठक में जानकारी दी गई की खंडवा में रेलवे प्रशासन के सहयोग से जन जागरूकता और कोरोना संक्रमण के नियंत्रण में सफलता मिली है। स्व-सहायता समूहों का सहयोग भी लिया जा रहा है। इसी तरह गुना और बुरहानपुर में संक्रमण को नियंत्रित करने में अच्छी कामयाबी मिली है। मुख्यमंत्री ने इन जिलों की तर्ज पर अन्य जिलों में संक्रमण पर अंकुश के प्रयास किए जाने के निर्देश दिए।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में अभी कोरोना संक्रमण का पॉजिटिविटी रेट 8.2 प्रतिशत है। यह औसत गत 7 दिवस के आधार पर निकाला जाता है। प्रदेश के दो प्रमुख नगरों की चर्चा करें, तो इंदौर में प्रदेश के कुल प्रकरणों का 28% और भोपाल में 21% है। प्रदेश के सात जिलों इंदौर, भोपाल, जबलपुर, रतलाम, खरगौन, बैतूल और ग्वालियर में 50 से अधिक नये प्रकरण प्रतिदिन सामने आ रहे हैं। इसी तरह जिन 11 जिलों में बीस से अधिक प्रकरण रोजाना सामने आ रहे हैं, उनमें बड़वानी, विदिशा, देवास, सागर, उज्जैन, खण्डवा, छिन्दवाड़ा, सीहोर, शाजापुर, धार और राजगढ़ शामिल हैं।
वैक्सीनेशन में तेजी
प्रदेश में वैक्सीन के पर्याप्त डोस उपलब्ध हैं। अब तक 32 लाख 35 हजार नागरिकों को वैक्सीन लग चुकी है। गत 27 मार्च को 1.1 लाख लोगों को वैक्सीन लगी। इसके पहले 20 मार्च को सर्वाधिक 3 लाख 57 हजार 500 लोगों को वैक्सीन लगी थी। आने वाले तीन दिवस में प्रदेश के चार लाख नागरिकों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य है। हेल्थ वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स, प्रियारिटी ग्रुप के लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। प्रदेश में 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों की अनुमानित जनसंख्या 71 लाख है। इनमें से 16 लाख 83 हजार अर्थात इस वर्ग के 24 प्रतिशत नागरिकों को वैक्सीन का प्रथम डोस लग चुका है। इसी तरह विभिन्न व्याधियों से ग्रस्त 45 से 59 वर्ष की आयु के करीब ढाई लाख लोगों को वैक्सीन का प्रथम डोस लग चुका है।
बैठक में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, मुख्यसचिव इकबाल सिंह बैंस, पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान, आयुक्त स्वास्थ्य डॉ. संजय गोयल, जनसम्पर्क आयुक्त डॉ. सुदाम खाडे उपस्थित थे। वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी भी बैठक से जुड़े।