नई दिल्ली। निवेशकों को लंबे समय से एलआईसी के आईपीओ (LIC IPO) का इंतजार है, हालांकि एलआईसी (LIC) देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी है और अभी इसका मालिकाना हक सरकार के पास है। निवेशकों को भी उम्मीद है कि एलआईसी का यह आईपीओ सरकार के लिए एक लाख करोड़ रुपये जुटा सकता है।
यहां तक कि मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यम (KV Subramaniam) ने यह उम्मीद जताई है। इसके साथ ही सुब्रमण्यम ने शनिवार को एक वेबिनार में बताया कि भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (BPCL) की रणनीतिक बिक्री से 75,000 से 80,000 करोड़ रुपये प्राप्त होने की उम्मीद है। सुब्रमण्यम का मानना है कि 2021-22 का 1.75 लाख करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य काफी हद तक हासिल होने योग्य है।
मौजूदा वित्त वर्ष के विनिवेश लक्ष्य पर बात करते हुए सुब्रमण्यम ने कहा, ‘इसमें से, केवल बीपीसीएल का निजीकरण और एलआईसी लिस्टिंग ही महत्वपूर्ण योगदानकर्ता थे।
अनुमान है कि 75,000 से 80,000 करोड़ रुपये या इससे अधिक तो केवल बीपीसीएल के निजीकरण से ही आ सकते हैं। वहीं, एलआईसी आईपीओ लगभग 1 लाख करोड़ रुपये ला सकता है।’ बीपीसीएल का निजीकरण और एलआईसी आईपीओ की प्रक्रिया मौजूदा वित्त वर्ष में ही पूरी होनी थी, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के चलते ऐसा नहीं हो पाया।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश करते हुए घोषणा की थी कि पहले से घोषित सभी विनिवेश प्रक्रियाओं को अगले वित्त वर्ष में पूरा किया जाएगा। एलआई के आईपीओ के इस साल अक्टूबर-नवंबर में लॉन्च होने की उम्मीद है।
मुख्य आर्थिक सलाहकार (KV Subramaniam) ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को खुदरा मुद्रास्फीति को लक्ष्य में रखने का जो लक्ष्य दिया गया है, उससे उतार-चढ़ाव तथा मुद्रास्फीति के स्तर को कम करने में मदद मिली है। गौरतलब है कि रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति को 31 मार्च, 2021 तक वार्षिक मुद्रास्फीति को चार फीसद (दो फीसद ऊपर या नीचे) पर रखने का लक्ष्य दिया गया है।
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