नई दिल्ली। पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) से वनडे क्रिकेट के तीन नियमों (ODI Rules) पर दोबारा विचार करने की अपील की है। गंभीर ने ट्वीट किया कि अगर ये नियम जारी रहते हैं, तो वनडे क्रिकेट में गेंदबाजों की भूमिका कम हो जाएगी और ये पूरी तरह बल्लेबाजों का खेल हो जाएगा।
गंभीर ने भारत और इंग्लैंड के बीच पुणे में हुए दूसरे वनडे के बाद ये बात कही। इस मैच में इंग्लैंड ने भारत को 6 विकेट से हराया था। मैच में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 336 रन बनाए थे। जवाब में इंग्लैंड ने 39 गेंद रहते ही 337 रन बनाकर मैच जीत लिया था। मुकाबले में कुल 673 रन और 34 छक्के लगे थे।
गंभीर ने आईसीसी और बीसीसीआई को टैग करते हुए लिखा कि वनडे क्रिकेट के नियम बल्लेबाजों के पक्ष में इतने नजर आते हैं कि गेंदबाज बेमानी से लगते हैं। आईसीसी को फौरन वनडे क्रिकेट में दो नई गेंद (Two New Ball Rule), एक ओवर में एक बाउंसर (One Bouncer Rule) और तीस यार्ड सर्कल (फील्डिंग पर पाबंदी) से जुड़े नियम को बदलना चाहिए। ताकि गेंद और बल्ले के बीच बराबर की जंग देखने को मिल सके। अगर ऐसा नहीं होता है तो गेंदबाज बॉलिंग मशीन जैसे बनकर रह जाएंगे।
2011 में वनडे में दो नई गेंद के इस्तेमाल की शुरुआत हुई
आईसीसी ने 2011 के आखिर में वनडे क्रिकेट में गेंदबाजी के दौरान दोनों छोर से नई गेंद का नियम लागू किया था। ऐसा वनडे क्रिकेट की लोकप्रियता को बढ़ाने के लिए किया गया था। हालांकि, बीते कुछ सालों में ये नियम बल्लेबाजों के पक्ष में ज्यादा नजर आया है।
खासतौर पर टी20 क्रिकेट के बढ़ने के बाद तो इस नियम का बल्लेबाजों ने भरपूर फायदा उठाया। अंदाजा वनडे इतिहास के 10 सबसे बड़े स्कोर को देखकर लगाया जा सकता है। इसमें से 6 तो दो नई गेंद का नियम लागू होने के बाद बने हैं। इस नियम के बाद से गेंदबाजों की हालत खराब हुई है। दोनों छोर से नई गेंद होने की वजह से वो पारी के आखिरी के ओवरों में रिवर्स स्विंग भी नहीं करा पाते हैं।
एक ओवर में एक बाउंसर का नियम
आईसीसी के नियम के मुताबिक, वनडे में गेंदबाज को हर ओवर में सिर्फ एक बाउंसर फेंकने की अनुमति है। इससे गेंदबाज बंध जाता है और इसका असर गेंदबाजी पर पड़ता है। इसके अलावा क्षेत्ररक्षण से जुड़े प्रतिबंध तीन पावर-प्ले में बंटे हुए हैं। पहले पावर-प्ले (1-10 ओवर) में सिर्फ दो फील्डर ही तीस यार्ड के घेरे से बाहर रह सकते हैं। इसके अगले तीस ओवर यानी 11से 40 ओवर के बीच 4 फील्डर घेरे के बाहर रह सकते हैं।
वहीं, आखिरी के 10 ओवर में पांच फील्डर्स को ऐसा करने की अनुमति है। ये नियम भी बल्लेबाजों के पक्ष में ज्यादा नजर आता है। 2018 में जब इंग्लैंड ने अपने 444 रन के रिकॉर्ड को और बेहतर करते हुए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे इतिहास का सबसे बड़ा स्कोर 481/6 बनाया था। तब सचिन तेंदुलकर ने भी दो नई गेंद के नियम को वनडे क्रिकेट के लिए खराब बताया था। बीते कुछ सालों में सौरव गांगुली, वकार यूनूस जैसे पूर्व दिग्गज भी इस नियम की आलोचना कर चुके हैं।
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