दमोह। दमोह उपचुनाव के लिए बीजेपी और कांग्रेस, दोनों ही पार्टियों ने अपने-अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है। उम्मीदवारों के नाम के ऐलान के बाद अब दोनों ही पार्टियां मतदाताओं को अपने पक्ष में करने में जुट गई हैं। कांग्रेस की रणनीति को देखते हुए लग रहा है कि पार्टी इस उपचुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंकने की तैयारी कर रही है। बता दें कि दमोह उपचुनाव में जीत के लिए कांग्रेस ने अपने 80 विधायकों को मैदान में उतार दिया है।
बूथ मैनेजमेंट के लिए कांग्रेस ने बनाया ये प्लान
बता दें कि कांग्रेस पार्टी ने दमोह में अपने 80 विधायकों को मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के काम में लगाया है। यहां पार्टी ने ‘एक बूथ, दस यूथ’ प्लान बनाया है। अभी तक पार्टी के 25 से ज्यादा विधायक दमोह उपचुनाव में मोर्चा संभाल चुके हैं। आने वाले दिनों में यह संख्या बढ़ेगी। बताया जा रहा है कि कांग्रेस हर विधायक को 3-4 मतदान केंद्र की जिम्मेदारी दी जाएगी। पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीसी शर्मा ने बताया है कि कमलनाथ के माइक्रो बूथ मैनेजमेंट प्लान के जरिए कांग्रेस एक बूथ पर 10 यूथ तैनात करेगी। अपनी इस प्लान के सहारे कांग्रेस को जीत की उम्मीद है।
बीजेपी ने कही ये बात
वहीं कांग्रेस के इस प्लान पर बीजेपी ने पलटवार किया है। भाजपा प्रवक्ता दीपक विजयवर्गीय ने कहा है कि कांग्रेस के पास कार्यकर्ता बचे कहां हैं? उनके पास गिने-चुने नेता बचे हैं। जब कांग्रेस के पास कार्यकर्ता नहीं हैं तो एक बूथ पर 10 यूथ पार्टी कहां से खड़े करेगी? उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता विहीन हो गई है। कांग्रेस खत्म होने के कागार पर है।
इन दोनों नेताओं के बीच हैं मुकाबला
दमोह से विधायक राहुल सिंह लोधी ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था और बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। जिसके चलते दमोह विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं। इस उपचुनाव में बीजेपी ने जहां राहुल सिंह लोधी पर ही दांव खेला है। वहीं कांग्रेस ने यहां से दमोह जिला कमेटी के अध्यक्ष अजय टंडन को अपना उम्मीदवार बनाया है। दमोह सीट पर बीजेपी की गुटबाजी भी सामने आई थी। हालांकि गुरुवार को बीजेपी के दिग्गज नेता और दमोह से सात बार विधायक चुने गए जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ मलैया ने राहुल सिंह लोधी की उम्मीदवारी के समर्थन का ऐलान कर इस गुटबाजी को काफी हद तक शांत कर दिया है।
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