भोपाल। कलेक्टर गाइडलाइन में नए वित्त वर्ष के लिए जमीनों के दाम बढ़ाने के प्रस्ताव का भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा और कृष्णा गौर ने विरोध दर्ज कराया है। साथ ही कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद भी जमीनों के दाम बढ़ाने के पक्ष में नही ंहै। विधायकों ने लिखित तौर पर दाम बढ़ाने का विरोध किया है। साथ ही कहा कि प्रॉपर्टी के दाम बढ़ेंगे तो पीएम और सीएम आवासीय योजनाओं में लोग घर कैसे खरीद पाएंगे। प्रस्तावित गाइडलाइन में एक बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। पंजीयन विभाग के अफसरों ने उसमें प्रस्तावित कीमतों का आधार 2005 और 2031 के मास्टर प्लान के ड्राफ्ट को बनाया है। जब ये ड्राफ्ट लागू ही नहीं हुआ तो फिर उसे देखकर कीमतें कैसे बढ़ाई जा सकती हैं। हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि सिर्फ बाजार मूल्य के आधार पर जमीनों के आवासीय एवं व्यवसायिक दामों में वृद्धि नहीं की जा सकती है। कलेक्टर गाइडलाइन में प्रॉपर्टी की कीमतें बढऩे से सीएम और पीएम आवास योजना के घर कोई कैसे खरीद पाएगा।
मप्र में ली जा रही सबसे ज्यादा स्टांप ड्यूटी
शर्मा ने कहा कि देश में सबसे ज्यादा स्टांप ड्यूटी 12.5 फीसदी मध्यप्रदेश में ली जा रही है। इसमें 2 फीसदी की छूट दी जाना चाहिए। उन्होंने प्रॉपर्टी कीमतें तीन साल में एक बार तय करने के लिए एक बोर्ड बनाने की मांग की है। गोविंदपुरा से विधायक कृष्णा गौर ने प्रॉपर्टी की कीमतें कोरोना काल में नहीं बढ़ाने और स्टांप ड्यूटी 2 फीसदी घटाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री समेत कलेक्टर अविनाश लवानिया को पत्र लिखा है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved