कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Elections) के लिए पहले चरण (First Phase)में 27 मार्च को वोटिंग (Voting on 27 March) होने जा रही है। इस चुनाव में ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुसलमीन (AIMIM) के उम्मीदवार उतरेंगे नहीं, इस पर पार्टी प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। अंतिम चार चरणों (Last four Phase) के लिए उनकी पार्टी (AIMIM)अपने प्रत्याशी उतारेगी। पहले चरण की वोटिंग से पहले एबीपी-सी न्यूज का एक सर्वे (ABP C-Voter Opinion Poll 2021) सामने आया है। इस सर्वे में 39 फीसदी लोगों ने माना कि AIMIM के बंगाल चुनाव लड़ने से बीजेपी को फायदा होगा। वहीं, 35 फीसदी लोगों ने फायदा न होने की बात कही है। 36 परसेंट जनता ने कह नहीं सकते के विकल्प को चुना।
सर्वे में लोगों से पीरजादा अब्बास सिद्दीकी के चलते ममता बनर्जी के वोटों को होने वाले नुकसान के बारे में भी पूछा गया। 33 फीसदी लोगों ने कहा कि सिद्दीकी की वजह से ममता बनर्जी को नुकसान होगा। 34 फीसदी लोगों ने कहा कि कोई नुकसान नहीं होगा जबकि 33 फीसदी लोगों ने कहा कि वह कुछ कह नहीं सकते हैं। गौरतलब है कि कभी ममता के खास रहे अब्बास सिद्दिकी की ISF पार्टी इस बार लेफ्ट-कांग्रेस गठबंधन के साथ चुनाव लड़ रही है।
आपको बता दें कि AIMIM ने पिछले साल बिहार विधानसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया था। इसके बाद ओवैसी की पार्टी ने पंजाब, गुजरात और हैदराबाद में हुए निकाय चुनावों में भी कुछ सीटों पर जीत हासिल की थी। इन नतीजों से उत्साहित AIMIM इस बार बंगाल चुनावों में भी उतरने की तैयारी में थी। कुछ दिन पहले पार्टी के बंगाल प्रमुख जमीरुल हसन ने बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं के साथ पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। अब पार्टी अंतिम चार चरणों में अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी को बढ़ाने में जमीरुल हसन की बड़ी भूमिका रही है। हसन ने अब तृणमूल कांग्रेस को समर्थन देने का फैसला लिया है। वहीं, राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बंगाल में मुस्लिम समुदाय के 94 फीसदी लोग बंगाली भाषा में बात करते हैं। इसीलिए असदुद्दीन ओवैसी बंगाल में कोई बड़ा फैक्टर नहीं हैं।
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