भोपाल। दमोह जिले के हटा के कांग्रेस नेता देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड में फरार चल रहे 50 हजार रुपए के इनामी बसपा विधायक रामबाई के पति गोविंद सिंह मप्र पुलिस के लिए सिरदर्द बन गए हैं। सुप्रीम कोर्ट में पुलिस महानिदेशक को 26 मार्च को गोविंद सिंह की गिरफ्तारी को लेकर जवाब देना है। हत्यारोपी की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही एसटीएफ अभी तक खाली हाथ घूम रही है। पुलिस को उसका कोई भी सुराग नहीं मिला है। पुलिस अब तक 13 लोगों पर 5 एफआईआर दर्ज कर चुकी है, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली है। दमोह पुलिस और प्रशासन ने गोविंद सिंह के गांव हिनौता में शासकीय जमीन पर अतिक्रमण करके बनाए जा रहे वेयर हाउस को गिरा दिया। परिजनों से भी पूछताछ की जा रही है। करीबियों को भी हिरासत में लिया है। अब रामबाई पर भी शिकंजा कस दिया है। उन्होंने प्रेस के जरिए पति से हाजिर होने की गुहार लगाई है। विधायक ने गोविंद सिंह को शासन प्रशासन और न्यायालय के सामने पेश होने की अपील की। इस मामले में 26 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में गोविंद सिंह की ओर से जमानत के लिए आवेदन प्रस्तुत किया गया है। यदि गोविंद सिंह पेश नहीं होते हैं तो कोर्ट उनकी बेल एप्लीकेशन निरस्त कर सकती है। इधर पुलिस सूत्रों का कहना है कि विधायक ने शुरू से ही अपने हत्यारोपी पति को संरक्षण दिया है। उसने भी सामान्य पूछताछ की है। अब उनसे सख्ती से पूछताछ की जा सकती है।
पुलिस पर प्रताडि़त करने का आरोप
रामबाई ने आरोप लगाए हैं कि उन्हें शासन और प्रशासन की ओर से कोई नोटिस नहीं दिया गया है, लेकिन पुलिस परेशान कर रही है, बार-बार बच्चों को परेशान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि भोपाल में निवास पर उनका 13 साल का भतीजा है, उसे पुलिस उठाकर ले गई है। उसके साथ मारपीट की जा रही है। इस तरह मानसिक तौर पर प्रताडि़त किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस मामले में उनके पति और देवर दोषी नहीं हैं, यदि दोषी पाए जाते हैं तो शासन नहीं मैं स्वयं उन्हें फांसी लगा दूंगी।
विधायक के ड्राइवर सुरक्षागार्ड और एक महिला से पूछताछ
एएसपी शिवकुमार सिंह, सीएसपी अभिषेक तिवारी, हटा एसडीओपी भावना दांगी, टीआई इंद्रिरा, कोतवाली टीआई एचआर पांडे, देहात टीआई दीपक खत्री पुलिस फोर्स के साथ निवास पर पहुंचे। यहां पर उन्होंने सर्चिंग के लिए एक-एक करके लोगों को बुलाया और पूछताछ की। इस बीच वे रामबाई के वाहन चालक, एक महिला और एक सुरक्षा गार्ड को पूछताछ के लिए थाने लेकर गए। तकरीबन तीन घंटे तक पुलिस पूछताछ करती रही और घर के अंदर घुसकर भी मुआयना किया। इस बीच एएसपी शिवकुमार ने पथरिया विधायक रामबाई से पूछताछ की। उनके जाने के बाद रामबाई की सुरक्षा के लिए तैनात दो जवानों को पूछताछ के लिए बुलाया गया। काफी देर बाद एक गार्ड को गाड़ी में बैठाकर पूछताछ के लिए थाने भेजा गया। सुप्रीम कोर्ट ने 26 मार्च तक मध्यप्रदेश पुलिस के डीजीपी को कार्रवाइयों को प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।
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