नई दिल्ली। लोकसभा (Lok Sabha) ने मंगलवार को वित्त विधेयक-2021 पारित कर दिया जिसके साथ ही वित्त वर्ष 2021-22 के केन्द्रीय बजट को मंजूरी दिए जाने की प्रक्रिया सदन में पूरी हो गई।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने बजट प्रावधानों में कुछ संशोधन वाला वित्त विधेयक लोकसभा में पेश किया था। इस पर चर्चा का वित्त मंत्री ने उत्तर दिया। उन्होंने उत्तर देते हुए कहा कि कुछ प्रावधानों में संशोधनों के साथ वित्त विधेयक पेश किया है। इन संशोधनों में विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों और भविष्य निधि वाले नियमित कर्मचारियों कुछ राहत दी गई है। ई-कॉमर्स कंपनियों को अब दो प्रतिशत की लेवी (कर) नहीं देनी होगी। साथ ही भविष्य निधि पर ब्याज पर लगने वाले कर के लिए सीमा को बढ़ा दिया गया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि विदेशी वाणिज्यिक कंपनियां यदि भारत में आयकर देती हैं तो उन पर लेवी लागू नहीं होगी।
वित्त विधेयक (Finance Bill) पर चर्चा का उत्तर देते हुए सीतारमण ने कहा कि कोरोना संकट के बावजूद आर्थिक संसाधन बढ़ाने के लिए करों में वृद्धि का जरिया नहीं अपनाया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने करों में वृद्धि न करने का निर्देश दिया था। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि पेट्रोल और डीजल को वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी प्रणाली) के तहत लाने पर सरकार खुले मन से चर्चा के लिए तैयार है।
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि के बारे में सदस्यों की चिंता पर उन्होंने कहा कि इन उत्पादों पर केन्द्र सरकार ही नहीं बल्कि राज्य सरकारें भी कर लगाती हैं। महाराष्ट्र में पेट्रोल और डीजल पर सबसे अधिक कर लेता है। जहां तक केन्द्र का सवाल है, उसकी ओर से लगाए गए कर की धनराशि को राज्यों के साथ साझा किया जाता है।
उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद की अगली बैठक में इस मुद्दे पर विचार हो सकता है। इसके पहले विभिन्न मंत्रालयों की अनुदान मांगों और विनियोग विधेयक को पारित किया जा चुका है। (हि.स.)
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