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INDORE : मंत्री के नाम से ठगाए लोगों का थाने पर लगा तांता

March 20, 2021

 


पहली एफआईआर के बाद रातभर लोग करते रहे ठगी की शिकायतें
इंदौर। जल संसाधन विभाग (Water Resources Department) में नौकरी  (Job) दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी (Cheating) करने वाले रोहित बैरागी (Rohit Bairagi) निवासी राजोदा धरमपुरी के खिलाफ कल रात पुलिस ने 20 युवकों से जल संसाधन विभाग (Water Resources Department) में नौकरी (Job)  दिलाने का झांसा देकर ठगी का मामला दर्ज किया था, केस दर्ज होने के बाद चार ठगाए लोग फिर पुलिस के पास पहुंचे और कहा कि उन्हें भी इसने ठगा है। यही नहीं, जैसे ही सुबह अखबारों में इसके बारे में लोगों ने पढ़ा तो देवास (Dewas), शाजापुर (Shajapur), आगर और मालवा के कुछ युवकों ने टीआई से संपर्क कर कहा कि उनके साथ भी ठगी हुई है। भंवरकुआं टीआई संतोष दूधी (Bhanwarkuan TI Santosh Dudhi) ने बताया कि रोहित के बारे में पहले आई शिकायतों के बाद उसे गिरफ्तार करने के लिए थानेदार आनंद राय, एएसआई अशोक शर्मा, आरक्षक धीरेंद्र राठौर और कपिल को उसके गांव राजोदा पहुंचाया था। यहां ग्रामीणों से पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि उसके पिता पवन बैरागी गांव के सम्माननीय पंडित हैं। पूरा गांव उनसे ही कथा और पूजा-पाठ करवाता है। हर ग्रामीण उनके पैर छूता है। लेकिन रोहित के बारे में पूछा तो उसके बारे में हर कोई बोलने से बचता रहा। पुलिस की टीम उसके घर पहुंची, लेकिन वह नहीं मिला। पिता पवन कहने लगे कि उसे घर से निकाल दिया और उससे हमारा कोई वास्ता नहीं है। तुम लोग दोबारा हमारे घर मत आना। खाली हाथ लौटी पुलिस टीम ने फिर कुछ ऐसे युवकों से रोहित को फोन लगवाया, जिन्होंने नौकरी की बात की थी, लेकिन रुपए नहीं दिए। इसके बाद एक युवक के फोन पर वह आईटी पार्क आ गया और जैसे ही कार से उतरा तो चारों पुलिसवालों ने उसे घेर लिया और थाने ले आए। यहां उसने बिना किसी विरोध के जालसाजी करना कबूल लिया। अभी तक ठगी का आंकड़ा करीब 20 लाख के आसपास सामने आ रहा है, लेकिन यह करीब 50 लाख के आसपास तक का हो सकता है। आज पुलिस अन्य ठगाए युवकों के आवेदन लेकर रोहित से उनका सामना करवाएगी। टीआई दूधी ने रात को रोहित से पूछताछ की तो उसने बताया कि उसने युवकों को झांसे में लेने के लिए इनोवा कार ली थी। कार में एक गनमैन और ड्राइवर रहता था। पूरी कार में पर्दे लगे हुए थे। वह स्टूडेंट बाहुल्य क्षेत्रों में भी कार से घूमता था। कोई स्टूडेंट उसे दिखता तो वह उसे बातों में लेकर कार में बैठाता और फिर उसकी पढ़ाई के बारे में पूछते हुए उसे सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देता और रुपए ऐंठता। रोहित का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह मतदान बूथ पर वोट देने गया तो वहां मौजूद अधिकारियों ने उसे खूब खरी-खोटी सुनाई और वीडियो बनाया। अधिकारी पूछ रहे हैं कि तुम्हारा नाम क्या है? तुम्हारी गाड़ी में जो प्लेट लगी है उसके आधार पर कहां पदस्थ हो? कौन से राज्यमंत्री हो? कौन से संगठन मंत्री की यह गाड़ी है? इसके बाद रोहित वहां से अपनी गाड़ी लेकर चला गया।


पांच साल पहले भी लाल बत्ती लगी गाड़ी में पकड़ाया था फर्जी नौकरी देने वाला
कल जिस ठगोरे को पुलिस ने पकड़ा है वह लंबे समय से रूआब बताकर लोगों को ठग रहा है। उज्जैन रोड पर सांवेर के पहले राजोदा गांव का रहने वाला रोहित बैरागी इस तरह की हरकतें लंबे समय से कर रहा है। अपने गांव राजोदा में भी उसने रसूख बना रखा था और गांव वालों को लगता था कि वास्तव में सरकार ने उस कोई पद दिया है। अब जब पोल खुली तो उसकी कई जानकारियां सामने आ रही हैं। वह पांच साल पहले धार जिले में लाल बत्ती लगाकर धाक जमा रहा था और किसी अधिकारी को धमकाने पहुंचा था। उसने अपनी गाड़ी पर धर्मस्व विभाग अध्यक्ष की प्लेट लगा रखी थी। वहां लोगों को शक हुआ और जब उसकी जानकारी निकाली गई तो मालूम पड़ा कि वह फर्जी तरीके से घूम रहा है। इसके बाद उसे लोगों ने पीटा था। इस घटना के कई महीनों तक वह गांव नहीं आया था, लेकिन पिछले डेढ़-दो साल से फिर सक्रिय हो गया था। उसके साथ माउजर लेकर एक व्यक्ति चलता था तो कभी 12 बोर की बंदूक लेकर एक सुरक्षाकर्मी साथ रहता था। ग्रामीणों का कहना है कि वह रिश्ते बनाने में माहिर था और कई बड़ लोगों को अपना रिश्तेदार कहता था। दूसरे लोग भी उसके आभा मंडल के सामने अपने आपको उसका रिश्तेदार बताने में संकोच नहीं करते थे। बताया जा रहा है कि एक बार वह राजस्थान घूमने गया था और वहां हर जिले में अपना रसूख दिखाकर वीआईपी सुविधाएं लेकर वहां के मंदिरों में दर्शन किए और होटल में ठहरा।


भोपाल की होटल में खोल रखा था कार्यालय
भंवरकुआं पुलिस के हत्थे चढ़े भजन गायक और फर्जी राज्यमंत्री को परिवार वालों ने घर से वर्षों पूर्व निकाल दिया था। इसके बाद से ही वह शिक्षित बेरोजगारों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठग रहा था। करीब 18 लाख की राशि का खुलासा रोहित बैरागी ने किया है। इसने भोपाल के एमपी नगर स्थित एक होटल में कार्यालय भी खोल रखा था, जहां पुलिस की टीम आज जांच-पड़ताल करने जाएगी। पिछले एक साल में रोहित बैरागी ने शिक्षित बेरोजगारों को स्वास्थ्य, जल संसाधन सहित अन्य विभागों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर लाखों रुपए ठग लिए थे। उन्हीं पैसों से उसने एक इनोवा कार भी खरीद ली थी।


भाई चायवाला, उसकी नौकरी नहीं लगवा पाया
लोगों को सरकारी नौकरी का झांसा देने वाले बैरागी का पारिवारिक बेकग्राउंड इतना मजबूत नहीं है। उसके भाई की आज भी गांव में चाय की दुकान है। वह इतने ठाठ-बांट से घूमता था कि गांव के लोगों की नजरों में भी चढ़ा हुआ था। ग्रामीणों का कहना था कि वह कई बड़े नेताओं से अपने संपर्क की बात कर नौकरी देने की बात कहता हे, लेकिन अपने ही भाई को नौकरी नहीं लगवा पाया। कहने को वह अपने आपको भाजपा नेताओं का भी खास बताता था, लेकिन बड़े नेताओं के आसपास जाने से बचता था, क्योंकि कई नेता इसका पुराना रिकार्ड जानते थे।


अधिकारियों तक को ब्लेकमैल कर चुका था
सूत्रों के अनुसार कुछ वर्ष पूर्व बैरागी ने धार कलेक्टर कार्यालय में पदस्थ एक पदाधिकारी को ब्लेकमेल कर 1 लाख रुपए ले लिए थे। वह अपने आपको धर्मस्व विभाग में राज्यमंत्री भी बताता था। बैरागी की शादी हो चुकी है, लेकिन वह अपने गांव राजोदा की बजाय इंदौर में रहता था। उसका एक बेटा भी है। वह जब भी गांव में आता था तब उसके साथ बाउंसर और गनमैन होते थे। ग्रामीणों का कहना है कि अपने आपको वह बड़ा आदमी बताता था। भाजपा के मंडलस्तर के एक पदाधिकारी के रिश्तेदार को भी नौकरी दिलाने के नाम पर वह 3 लाख रुपए वसूल चुका था।

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