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25 मार्च को है आमलकी एकादशी व्रत, जानें व्रत की पूजा विधि व महत्‍व

March 19, 2021


हिंदू धर्म में धार्मिक त्‍यौहारो का विशेष महत्‍व है । पंचाग के अनुसार हिंदु धर्म में फाल्गुन माह (Phalgun month) में शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी एकादशी (Amalki Ekadashi) कहा जाता है। इस एकादशी को रंगभरी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस बार यह एकादशी 25 मार्च 2021 दिन गुरूवार को पड़ रही है। यह एकादशी होली से कुछ दिन पहले आती है, इस दिन आंवले के वृक्ष (Amla tree) की पूजा करने और भगवान विष्णु (Lord vishnu) को आंवला अर्पित करने का विधान है। इस एकादशी को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष करने वाला माना गया है। इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा करने से माता लक्ष्मी (Mata Lakshmi) और भगवान विष्णु (Lord vishnu) की कृपा से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।



एकादशी शुभ मुहूर्त
एकादशी तिथि आरंभ – 24 मार्च 2021 को सुबह 10 बजकर 23 मिनट से
एकादशी तिथि समाप्त – 25 मार्च 2021 को सुबह 09 बजकर 47 मिनट पर
एकादशी व्रत पारण समय- 26 मार्च 2021 को सुबह 06 बजकर 18 मिनट से 08 बजकर 21 मिनट तक

आमलकी एकादशी पूजा विधि (Amalaki Ekadashi worship Method) –
भगवान की पूजा (worship) के पश्चात पूजन सामग्री लेकर आंवले के वृक्ष की पूजा करें। सबसे पहले वृक्ष के चारों की भूमि को साफ करें और उसे गाय के गोबर से पवित्र करें। पेड़ की जड़ में एक वेदी बनाकर उस पर कलश स्थापित करें। इस कलश में देवताओं, तीर्थों एवं सागर को आमंत्रित करें। कलश में सुगंधी और पंच रत्न रखें। इसके ऊपर पंच पल्लव रखें फिर दीप जलाकर रखें। कलश पर श्रीखंड चंदन (Shrikhand Chandan) का लेप करें और वस्त्र पहनाएं। अंत में कलश के ऊपर श्री विष्णु के छठे अवतार परशुराम की स्वर्ण मूर्ति स्थापित करें और विधिवत रूप से परशुरामजी की पूजा करें। रात्रि में भगवत कथा व भजन-कीर्तन करते हुए प्रभु का स्मरण करें। द्वादशी के दिन सुबह ब्राह्मण को भोजन करवा कर दक्षिणा दें साथ ही परशुराम की मूर्तिसहित कलश ब्राह्मण को भेंट करें। इन क्रियाओं के पश्चात परायण करके अन्न जल ग्रहण करें।

आमलकी एकादशी महत्‍व
आमलकी एकादशी (Amalki Ekadashi) के दिन भगवान विष्णु (Lord vishnu) की पूजा की जाती है। आमलकी का अर्थ आंवला होता है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने आंवले को आदि वृक्ष के रूप में प्रतिष्ठित किया था। आंवले के पेड़ के हर अंग में ईश्वर का स्थान माना गया है. मान्‍यता है कि आमलकी एकादशी के दिन आंवला और श्री हरि विष्‍णु की पूजा करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।

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