थेलिसीमिया के लिए कानून बनाने की मांग पर हंसी का पात्र बने लालवानी… कांग्रेस ने ली चुटकी
इन्दौर। अभी कोरोना वैक्सीन लगवाने में सांसद शंकर लालवानी (MP Shankar Lalwani) की नौटंकी सामने आई, जिसको लेकर सोशल मीडिया पर भी जमकर मजाक बना, उसके बाद थेलिसिमिया (Thalisemia) रोकने के लिए कानून बनाने की मांग लोकसभा में की गई, जबकि हकीकत यह है कि नि:शक्त व्यक्ति अधिकार अधिनियम-2016 मोदी सरकार 5 साल पहले ही लागू कर थेलिसिमिया बीमारी को समाप्त करने और पीडि़तों की मदद के लिए बना चुकी है। अब कांग्रेस ने सांसद की इस अज्ञानता पर चुटकी लेते हुए कहा है कि उन्हें अपनी सरकार द्वारा बनाए कानून की ही जानकारी नहीं है।
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी (Madhya Pradesh Congress Committee) के प्रदेश सचिव राकेशसिंह यादव (Rakesh Singh Yadav) ने आरोप लगाया कि सांसद श्री लालवानी को यह पता ही नहीं है कि थेलिसिमिया बीमारी के लिए 2016 में ही उनकी मोदी सरकार कानून बना चुकी है, जिसे बनाने की मांग अभी वे लोकसभा (Lok Sabha) में करते नजर आए। इसके पहले उनका कोरोना वैक्सीन लगवाने का वीडियो भी जारी हुआ, जिसके चलते वे हंसी का पात्र बने। नि:शक्त व्यक्ति अधिकार अधिनियम 2016 एक ऐसा ही कानून है जिसे यदि विधायिका के आशय के अनुरूप लागू किया गया तो यह थैलेसीमिया जैसी बीमारियों की रोकथाम और प्रबंधन में बहुत बड़ा परिवर्तन लाने वाला साबित होगा।ये केंद्र सरकार का दावा 2016 में था।इस क़ानून के अन्तर्गत केंद्रीय बोर्ड बनाना प्रस्तावित था जिसमें तीन सांसदों को बोर्ड मेम्बर बनाया जाना था लेकिन मोदी सरकार आज तक थैलीसीमिया समाप्त करने का क़ानून 2016 में बनाने के इस क़ानून को लागू करने की राष्ट्रीय नीति आज तक नहीं बना पायी।सांसद शंकर लालवानी अपने ज्ञान को दुरुस्त करके लोकसभा में थैलीसीमिया बीमारी के लिए क़ानून का मॉंग करने के बजाय थैलीसीमिया क़ानून के मुताबिक़ राष्ट्रीय नीति की मॉंग पीएम मोदी से करके देश को थैलीसीमिया से निजात दिलाये।
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