लंदन। यूरोपीय मेडिकल रेग्युलेटर (European medical regulator) ने एस्ट्राजेनेका वैक्सीन (AstraZeneca vaccine) को सुरक्षित और असरदार बताया था। इसके बाद यूरोपीय संघ (European Union) के कई देशों ने गुरुवार को वैक्सीन को शुरू करने का फैसला किया है। खास बात है कि कुछ दिनों पहले वैक्सीन लगाए जाने के बाद खून के थक्के (Blood Clots) जमने की खबरें आ रहीं थीं। हालांकि, मेडिकल रेग्युलेटर (Medical Regulator) ने ऐसी किसी भी बात से इनकार किया था।
EMA की तरफ से वैक्सीन को लेकर घोषणा ऐसे समय पर की गई है। जब विश्व स्वास्थ्य संगठन और ब्रिटेन के एक्सपर्ट्स ने कहा है कि वैक्सीन सुरक्षित है। साथ ही उन्होंने कहा है कि वैक्सीन नहीं लेना ज्यादा बड़ा खतरा है, क्योंकि कई देश कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों का सामना कर रहे हैं। EMA की घोषणा के बाद वैक्सीन को अनुमति देने वालों में जर्मनी, फ्रांस, स्पेन, इटली, नीदरलैंड्स, पुर्तगाल, लिथुआनिया, लातविया, स्लोवेनिया और बुल्गारिया है।
France and Germany also to resume vaccinating people against COVID-19 with AstraZeneca vaccine after European Medicines Agency said the vaccine is safe and effective: Reuters https://t.co/XH5U5tCf7U
— ANI (@ANI) March 18, 2021
EMA की प्रमुख एमर कूक ने गुरुवार को कहा कि एस्ट्राजेनेका की जांच के बाद कमेटी ने पाया है कि वैक्सीन सुरक्षित और असरदार है। उन्होंने कहा ‘कमेटी ने यह भी पाया है कि वैक्सीन का थ्रोम्बोम्बोलिक घटनाओं या ब्लड क्लॉट्स से कोई लेना-देना नहीं है।’ युके के हेल्थ रेग्युलेटर का कहना है कि फाइजर की वैक्सीन और खून के थक्कों के बीच कोई तार नहीं जुड़े हैं। डब्ल्युएचओ ने इस बात को दोहराया कि एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन नहीं लेने से इसे लेना ज्यादा बेहतर है।
वैक्सीन कंपनी ने रेग्युलेटर्स के फैसले का स्वागत किया है। हालांकि, नॉर्वे और स्वीडन ने कहा है कि वे वैक्सीन का इस्तेमाल जारी रखने के लिए तैयार नहीं हैं। वैक्सीन को लेकर हुए हंगामे के बाद वैश्विक स्तर पर वैक्सीन ड्राइव प्रभावित हुई है। दुनियाभर में अब तक 40 करोड़ वैक्सीन डोज दिए जा चुके हैं। खास बात है कि सस्ते और आसानी से स्टोर किए जाने वाले एस्ट्राजेनेका शॉट को गरीब राष्ट्रों की वैक्सीन कहा जाने लगा है। इतना ही नहीं ये वैक्सीन कोवैक्स का एक अहम हिस्सा भी है।
अमेरिका ने अब तक एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को मंजूरी नहीं दी है। हालांकि, यूएस ने कहा है कि वे अपने पड़ोसी देश मैक्सिको और कनाडा को लाखों डोज भेजेंगे। इसके अलावा कई राष्ट्र एक बार फिर कोविड पाबंदियों को और कड़ा करने की तैयारी कर रहे हैं। हाल ही में फ्रांस में कोरोना वायरस महामारी की तीसरी लहर से बचने की तैयारी जारी है। हाल ही में देश के पेरिस समेत कई इलाकों में महीनेभर के लिए सीमित लॉकडाउन का ऐलान किया है।
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