13 अप्रैल को हिन्दू नववर्ष गुड़ी पड़वा मनेगा, फिर एक सप्ताह बाद शुरू होगे शादी-ब्याह
ज्योतिष गणना (Astrology calculation) के अनुसार सूर्य इस समय कुम्भ राशि में गौचर कर रहे हैं वहीं आज शाम 5 बजकर 55 मिनट पर मीन राशि में प्रवेश करेंगे मीन राशि गुरू की राशि मानी जाती है, फिर एक माह बाद सूर्य मीन राशि से निकल कर मेष राशि में आ जाएंगे। मेष राशि में सूर्य के आने के बाद ही खरमास (Kharmas) समाप्त हों जाएगा। 13 अप्रैल को गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa) के साथ चैत्र नवरात्र (Chaitra Navratra) प्रारंभ होंगी।
हिंदू धर्म में खरमास का महत्व अधिक होता है। इसे मलमास के नाम से भी जाना जाता है। इस महीने में कोई भी शुभ या धार्मिक कार्य नहीं किया जाता है। हालांकि, आध्यात्मिक कार्यों के लिए यह मास बेहद उत्तम माना गया है। यह मास भगवान विष्णु को बेहद पसंद है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब सूर्य, बृहस्पति की राशि धनु राशि या मीन राशि में प्रवेश करते हैं तब से ही खरमास आरंभ होता है। इस दौरान मांगलिक कार्य, विवाह और यज्ञोपवित जैसे शुभ कार्यों को करने की मनाही होती है। इस मास में पूजा-पाठ का विशेष महत्व माना जाता है। खरमास में व्यक्ति को उपासना और भजन करना चाहिए इससे मानसिक शांति प्राप्त होती है। इस वर्ष विवाह के मुहूर्त अप्रैल में बन रहे हैं। विवाह के लिए शुक्र ग्रह की स्थिति बेहद मायने रखती है और इस समय शुक्र अस्त हैं ऐसे में 22 अप्रैल के बाद ही विवाह मुहूर्त शुरू होंगे।
मंदिरों में होंगे विभिन्न आयोजन
खरमास में आध्यात्मिक व धार्मिक कार्य करने से जीवन में आने वाले कष्टों से मुक्ति मिलती है । खरमास को भगवान विष्णु का प्रिय मास भी कहा गया है । शहर के विभिन्न मंदिरों में अब एक माह तक रोजाना अनुष्ठान होंगे। कथा, प्रभु जाप आचार्यों के सान्निध्य में किए जाएंगे। खरमास में मांगलिक कार्य, विवाह और यज्ञोपवित जैसे कार्य नहीं किए जाते हैं। खरमास में पूजा पाठ आदि का विशेष महत्व बताया गया है। इस मास में भगवान की उपासना और भजन करने से मानसिक शांति प्राप्त होती है।
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