वाशिंगटन। अमेरिका के बाइडन प्रशासन ने कहा कि वह ट्रंप शासन के दौरान एच-1बी जैसे वर्क वीजा पर लिए गए प्रतिकूल फैसलों पर फिर विचार करेगा। हालांकि इस तरह के वीजा से जुड़े ट्रंप के तीन नीतिगत फैसलों को रद्द कर दिया गया है। उम्मीद है कि बाइडन प्रशासन के इस कदम से भारतीय आईटी पेशेवरों को राहत मिलेगी। एच-1बी वीजा भारतीयों में काफी लोकप्रिय है।
बाइडन प्रशासन ने कहा कि पूर्ववर्ती ट्रंप प्रशासन द्वारा जारी तीन नीतिगत फैसलों से विदेशी कामगारों के वीजा जैसे एच-1बी पर प्रतिकूल निर्णयों या आपत्तियों पर पुनर्विचार किया जाएगा। इन नीतिगत फैसलों को वापस ले लिया गया है। इन फैसलों के चलते एच-1बी समेत वर्क वीजा पर विदेशी कामगारों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। अमेरिकी सिटिजनशिप एंड इमीग्रेशन सर्विसेज (यूएससीआइएस) ने कहा कि विदेशी कामगारों की याचिका फार्म आइ-129 दोबारा खुल सकती है या प्रतिकूल फैसलों पर पुनर्विचार किया जा सकता है। बता दें कि ट्रंप प्रशासन ने एच-1बी समेत तमाम वर्क वीजा से जुड़े नियमों का सख्त कर दिया था। इसके चलते विदेशी कामगारों खासतौर पर भारतीय पेशेवरों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी कामगारों के हितों की सुरक्षा के नाम पर वीजा पर सख्ती बढ़ा दी थी।
क्या है एच-1बी वीजा
एच-1बी वीजा भारतीय आइटी पेशेवरों में लोकप्रिय है। इस वीजा के आधार पर अमेरिकी कंपनियां उच्च कुशल विदेशी कामगारों को रोजगार देती हैं। हर साल विभिन्न श्रेणियों में 85 हजार वीजा जारी किए जाते हैं। यह वीजा तीन साल के लिए जारी होता है।
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