भोपाल। दमोह (Damoh) जिले की पथरिया से बसपा विधायक रामबाई (BSP MLA Rambai) के हत्यारोपी पति की गिरफ्तारी नहीं होने पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मप्र सरकार को जमकर फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने टिप्पणी करते हुए कहा है कि देश कानून से चलता है जंगल राज से नहीं। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि मध्यप्रदेश सरकार को यह बात मान लेनी चाहिए कि वह संविधान के हिसाब से प्रदेश में शासन करने में असमर्थ है। कोर्ट ने दमोह पुलिस अधीक्षक को हटाने की बात कही है, लेकिन इस संबंध में कोई आदेश जारी नहीं किया है।
दमोह जिले के हटा में बहुचर्चित कांग्रेस नेता देवेन्द्र चौरसिया हत्याकांड में बसपा विधायक रामबाई (BSP MLA Rambai) के पति गोविंद सिंह ठाकुर (Govind Singh Thakur) की अभी तक गिरफ्तारी न होने के कारण देवेन्द्र चौरसिया के बेटे ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। पूर्व में सुप्रीम कोर्ट ने डीजीपी मध्यप्रदेश को आदेश दिया था कि विधायक रामबाई (MLA Rambai) के पति गोविंद सिंह की गिरफ्तारी सुनिश्चित कराई जाए। लेकिन आरोपी की गिरफ्तारी न होने पर सुप्रीम कोर्ट ने अब नाराजगी जाहिर की। जस्टिस एमआर शाह ने विधायक रामबाई (MLA Rambai)के पति गोविंद सिंह की गिरफ्तारी न होने पर प्रदेश में जंगलराज होने की बात कहते हुए यहां तक कहा कि प्रदेश सरकार को ये मान लेना चाहिए कि वो संविधान के हिसाब से प्रदेश को नहीं चला पा रही है। उन्होंने आगे कहा कि हत्या के आरोपी विधायक पति को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दमोह पुलिस अधीक्षक को भी हटाने की बात कही, लेकिन कोई आदेश पारित नहीं किया। कुछ दिनों पहले हटा के जज जिन्होंने कि गोविंद सिंह के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया था उन्होंने भी आरोप लगाया था कि पुलिस अधीक्षक ने उन्हें धमकाया है। सुप्रीम कोर्ट ने हटा न्यायाधीश की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के आदेश डीजीपी को दिए हैं।
कमलनाथ सरकार ने केस से हटाया था नाम
बसपा विधायक रामबाई (BSP MLA Rambai) के पति को पुलिस ने देवेन्द्र चौरसिया हत्याकांड में आरोपी बनाया था, लेकिन कमलनाथ सरकार के समय पुलिस ने रामबाई के पति गोविंद चौरसिया का नाम एफआईआर से बाहर कर दिया था। बाद में कोर्ट के आदेश पर उसे फिर से आरोपी बनाया गया। इसके बाद से पुलिस गोविंद को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। शिवराज सरकार के समय भी पुलिस बसपा विधायक के पति को गिरफ्तारी नहीं कर पा रही है।
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