ज्योतिष शास्त्र में चंद्रग्रहण (Lunar eclipse) का बहुत अधिक महत्व बताया जाता है। कहा जाता हैं कि चंद्रमा पर लगने वाले ग्रहण की वजह से सभी राशियों पर सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार साल 2021 में पहला चंद्र ग्रहण (Lunar eclipse) मई महीने की 26 तारीख को लगेगा। आपको बता दें कि यह साल का पहला ग्रहण भी होगा । चंद्र ग्रहण (Lunar eclipse) के समय सूतक काल का भी विशेष महत्व (Special importance) बताया गया है। सूतक काल (Sutak period) में किसी भी प्रकार के शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको बतानें जा रहें हैं कि चंद्र ग्रहण क्यों लगता है और सूतककाल का क्या महत्व है ।
सूतक काल का प्रभाव
ग्रहण के समय सूतक काल (Sutak period) को महत्वपूर्ण माना गया है। चंद्र ग्रहण (Lunar eclipse) जब लगता है तो सूतक काल का आरंभ ग्रहण से 9 घंटे पूर्व आरंभ हो जाता है। वहीं जब सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) लगता है तो सूतक का 12 घंटे पूर्व से आरंभ हो जाता है। लेकिन इस चंद्र ग्रहण (Lunar eclipse) के दौरान सूतक काल (Sutak period) मान्य नहीं होगा। क्योंकि साल का प्रथम चंद्र ग्रहण (Lunar eclipse) उपछाया ग्रहण है। उपछाया ग्रहण के कारण सूतक काल (Sutak period) का प्रभाव नहीं माना जाता है। इसलिए सूतक काल (Sutak period) के नियम प्रभावी नहीं होंगे। लेकिन कुछ मामलो में सावधानी बरती जा सकती है। छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं (Pregnant women) को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है ।
नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।
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