भोपाल। प्रदेश (Pradesh) में बालिकाओं के अपहरण एवं दुष्कर्म (Kidnapping and Rape) के बढ़ते मामलों को लेकर राज्य सरकार (State Government) बेहद चिंतित है। इसके लिए सरकार (Government) बालिका अपराध के प्रकरणों का अध्ययन कराने जा रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) की मौजूदगी में बालिका अपराध की रोकथाम के अध्ययन एवं सुझाव के लिये पुलिस मुख्यालय (Police Headquarters) की महिला अपराध शाखा और स्कूल ऑफ अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान के बीच एमओयू हस्ताक्षरित हुआ। एमओयू (MOU) के अनुसार अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान द्वारा महिलाओं एवं बच्चियों के गुम, अपहरण एवं व्यपहरण के कारणों तथा बालिकाओं के सामाजिक एवं आर्थिक परिवेश का अध्ययन किया जायेगा। इस अध्ययन के आधार पर इन अपराधों की रोकथाम के लिए सुझाव, मौजूदा कानून व्यवस्था में संशोधन, संबंधित विभागों की सहभागिता से जुड़े पहलुओं और पुलिस प्रक्रिया में सकारात्मक सुझाव प्रस्तावित किये जायेंगे। संस्थान द्वारा अपनी प्रथम रिपोर्ट (Report) 4 माह में प्रस्तुत की जायेगी। चौहान द्वारा कलेक्टर-पुलिस अधीक्षक कॉन्फ्रेंस में गुम तथा अपह्रत बालिकाओं के प्रकरणों में चिंता व्यक्त करते हुए इन प्रकरणों में बच्चियों के गुम होने के कारणों, पुलिस की कार्यवाही एवं बच्चियों के पुनर्वास के लिये विस्तृत अध्ययन कर इनकी रोकथाम के लिये सुझाव और नीतिगत अनुशंसाएँ प्रस्तावित करने के निर्देश दिये गये थे। इन्हीं निर्देशों के पालन में गृह विभाग द्वारा इस अध्ययन के लिये अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान को चिन्हित किया गया है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (महिला अपराध), पुलिस मुख्यालय श्रीमती प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव और निदेशक अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान गिरीश शर्मा ने एमओयू (MOU) पर हस्ताक्षर किये। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव गृह राजेश राजौरा तथा पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी उपस्थित रहे।
गुम बालिकाओं की बदामदगी प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने बताया कि गुम बालिकाओं की पतारसी एवं दस्तयाबी राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। प्रदेश में माह जनवरी में ऑपरेशन मुस्कान के तहत 2,444 बालिकाएँ एवं माह फरवरी में 885 बालिकाएँ प्रदेश एवं प्रदेश के बाहर से दस्तयाब की गईं। इन अपहरण एवं व्यपहरण के लंबित प्रकरणों में बालिकाओं के अभिभावकों को अधिकार-पत्र भी दिये जा रहे हैं।
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