कोरोना काल में भी नहीं सुधरे… चालान के रूप में
इंदौर। महानगर का रूप ले रहे इंदौर शहर मेंं यातायात नियंत्रण (traffic control) भी एक बड़ी समस्या है। इंदौर को सफाई के बाद यातायात में भी नंबर वन बनाने की कवायद चल रही है, लेकिन हाल यह है कि कोरोना काल (corona era) में भी शहर के लोग नहीं सुधरे और चालान के रूप में तीन करोड़ रुपए भरे।
डीआईजी मनीष कपूरिया (DIG Manish Kapoor) ने आते ही शहर में यातायात को एक बड़ी चुनौती माना और इस पर काम भी किया जा रहा है। रोजाना शाम के समय यातायात पुलिस (traffic police) के साथ थाने के बल को प्रमुख चौराहों पर तैनात किया जा रहा है, ताकि जाम न लगे। इसके अलावा पुलिस को यातायात के लिए उपकरण भी मुहैया करवाए जा रहे हैं। हालांकि पुलिस अधिकारियों का मानना है कि जब तक लोगों में जागरूकता नहीं आएगी तब तक इसमें सुधार होना मुश्किल है। इसके लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जाता है, लेकिन शहर के लोग सुधरने को तैयार ही नहीं हैं। शहर में हर साल यातायात पुलिस एक साल में डेढ़ लाख लोगों को यातायात नियम तोड़ते पकड़ती है और इंदौरी हर साल चालान के रूप में लगभग पांच करोड़ रुपए भरते हैं। यहां तक भी ठीक है। गत वर्ष पूरा साल कोरोना की चपेट में रहा। इस दौरान भी लोगों ने नियम तोडऩे में कोई कसर नहीं छोड़ी। पूरे कोरोना काल में पुलिस ने 68 हजार लोगों के चालान बनाए और उनसे तीन करोड़ रुपए वसूले। 2021 में भी यह सिलसिला जारी है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved