नेपिता। म्यांमार में तख्तापलट के खिलाफ निंदा प्रस्ताव(censure motion) पारित करने में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UN Security Council) विफल रही है। हालांकि उसने सेना को संयम बरतने की नसीहत देने के साथ ही भविष्य में कडे़ कदम उठाने की चेतावनी दी है। खास बात यह है कि बयान में किन-किन बिंदुओं को शामिल किया जाए, इसको लेकर बातचीत जारी रहेगी। चीन, रूस, भारत और वियतनाम ब्रिटेन द्वारा लाए गए मसौदे पर संशोधन का प्रस्ताव दिया है। इसमें तख्तापलट और भविष्य में कार्रवाई की धमकी को हटाने की बात कही गई है।
पुलिसकर्मियों ने ली भारत में शरण
म्यांमार में तख्तापलट के बाद से अब तक आठ से अधिक पुलिसकर्मी भागकर भारत के मिजोरम प्रांत आ चुके हैं। पड़ोसी देश ने इन्हें वापस लौटाने का अनुरोध किया है, लेकिन गृह मंत्रालय ने फिलहाल इस पर कोई जवाब नहीं दिया है। ऐसे ही एक पुलिसकर्मी था पेंग ने जब आपबीती सुनाई तो पता चला कि किस तरह वहां की सेना प्रदर्शनकारियों को कुचलने में लगी है। था पेंग ने कहा कि 27 फरवरी को उसे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए गोली चलाने का आदेश मिला था, लेकिन उसने मानने से इन्कार कर दिया। दूसरे दिन सुबह फिर उसे गोली चलाने का आदेश दिया गया, लेकिन उसने मानने से इन्कार कर दिया। इसके बाद वह तीन दिन पैदल चलकर भारत की सीमा में दाखिल हुआ। पेंग ने बताया कि उसके छह अन्य सहयोगियों ने भी प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने से इन्कार किया था।
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