अग्निबाण एक्सक्लूसिव… एक तरफ ऑपरेशन भूमाफिया तो दूसरी तरफ 200 करोड़ की जमीन का भू-उपयोग बदलने का भोपाली कारनामा
इंदौर, राजेश ज्वेल। एक तरफ ऑपरेशन भूमाफिया (Land mafia) मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) जोर-शोर से चला रहे हैं, दूसरी तरफ भोपाल (Bhopal) में बैठे कुछ नेता और अधिकारी पर्दे के पीछे से भूमाफियाओं की मदद करते भी दिख रहे हैं। 500 करोड़ रुपए से अधिक के एक घोटालेबाज को इंदौर पुलिस (Indore Police) ढूंढ रही है, जिसने आधा दर्जन से अधिक अपने रियल इस्टेट के बोगस प्रोजेक्टों के जरिए हजारों लोगों को ठगा। नागपुर (Nagpur) के वात्सल्य (Vatsalya) बिल्डर्स प्रा.लि. की ग्राम उमरीखेड़ा स्थित 80 एकड़ से अधिक कृषि जमीनों को मास्टर प्लान में अब आवासीय कर 200 करोड़ से अधिक का फायदा पहुंचाने का एक बड़ा खेल सामने आया है। इसकी प्रक्रिया नगर तथा ग्राम निवेश संचालनालय भोपाल ने शुरू की है।
कल शाम की मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने अपने सम्मान समारोह में गरजते हुए एक बार फिर उन्हें 10 फीट जमीन में गाडऩे और उनके समूल नाश के आदेश पुलिस-प्रशासन और अन्य विभागों को दिए। दूसरी तरफ कल ही नगर तथा ग्राम निवेश संचालनालय का एक नोटिफिकेशन सामने आया, जिसमें इंदौर विकास योजना 2021 यानी मास्टर प्लान में धारा 32 (क) की उपधारा (1) के खंड (ख)के तहत उपांतरण प्रस्ताव किया गया, जिसमें 15 दिन में जनता से आपत्ति और सुझाव मांगे गए हैं। आयुक्त ससंचालक अजीत कुमार द्वारा यह सूचना सार्वजनिक की गई, जिसमें कहा गया कि ग्राम उमरीखेड़ा के खसरा नम्बर 177, 175/2/1, 175/5, 178/1/1, 178/1/2, 178/2, 178/3, 178/4, 179/1, 180/1/1, 175/3, 175/5 और 178/2/2/मीन-2 की लगभग 33.126 हैक्टेयर यानी 80 एकड़ से अधिक कृषि उपयोग की जमीन आवासीय में उपांतरित करना है। मजे की बात यह है कि राजस्व अभिलेख में 33 हैक्टेयर की बजाय उपांतरित जिन जमीनों का प्रस्ताव किया गया है वहां मौके पर 27 हैक्टेयर जमीन ही उपलब्ध बताई जा रही है। उमरीखेड़ा की यह जमीन नागपुर के वात्सल्य बिल्डर्स प्रा.लि. के नाम पर राजस्व रिकार्ड में दर्ज है और इंदौर में इस ग्रुप ने लगभग 10 साल पहले खंडवा रोड पर शिव रेसीडेंसी 1 और 2 के अलावा उमरीखेड़ा और अन्य जगह प्रेस्टिज-1, प्रेस्टिज-2 से लेकर प्रेस्टिज-5 तक प्रोजेक्ट लॉन्च कर भूखंडों की अग्रिम बुकिंग कर ली, जिसके चलते 10 हजार से अधिक प्लाट पीडि़त सालों से संघर्ष कर रहे हैं। उन्हें ना तो मौके पर भूखंड मिले और ना उनकी रजिस्ट्रियां आज तक हो सकी। वात्सल्य प्लाट पीडि़त संघर्ष समिति की ओर से लड़ रहे अभिभाषक विनय सोनी का कहना है कि 500 करोड़ रुपए से अधिक के वात्सल्य ग्रुप के प्रमुख कर्ताधर्ता यानी डायरेक्टर प्रफुल्ल गाडग़े को इंदौर पुलिस ढूंढ रही है, जो पिछले एक साल से फरार है और अब उसकी जमीनों का भू-उपयोग बदलना वाकई चौंकाने वाली घटना है। एक तरफ शासन-प्रशासन ऑपरेशन भूमाफिया चला है, दूसरी तरफ ठगोरे, भूमाफिया को उपकृत किया जा रहा है।
नागपुर के वात्सल्य ग्रुप ने ठगा इंदौरियों को
इंदौर में वैसे तो कई बाहरी रियल इस्टेट कम्पनियों ने अपने प्रोजेक्ट किए, जिनमें ज्यादातर असफल ही साबित हुए हैं। नागपुर के वात्सल्य बिल्डर ने भी 10 साल पहले शिव रेसीडेंसी और प्रेस्टिज के नाम से आधा दर्जन से अधिक प्रोजेक्ट कृषि जमीनों पर ही फर्जी दस्तावेज दिखाकर घोषित किए और सैंकड़ों प्लाट धारकों को ठग लिया और एक ही प्लाट दो-दो लोगों को बेचने की गड़बड़ी भी की और रेरा से लेकर किसी भी सक्षम प्राधिकारी से विधिवत अनुमतियां नहीं ली गई। सूत्रों के मुताबिक कुछ नेताओं और अधिकारियों से संबंध के चलते प्रफुल्ल गाडग़े बचता रहा और अब उसके 80 एकड़ जमीन के भू-उपयोग परिवर्तन का चौंकाने ेवाला मामला भी सामने आ गया, जबकि न्यायालय ने ही उसे फरार घोषित कर रखा है।
तेजाजी नगर थाने पर दर्ज है एफआईआर
भूमाफियाओं के खिलाफ चल रही कार्रवाई के चलते पिछले दिनों ही डीआईजी को वात्सल्य बिल्डर पीडि़तों की ओर से एक और नई शिकायत दर्ज करवाई, जिसमें हजारों भूखंडधारकों के साथ 500 करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी की जानकारी दी। 23.10.2019 को तेजाजी नगर थाने में अपराध क्रमांक 0391 प्रफुल्ल गाडग़े के खिलाफ धारा 420, 34बी, 120बी, 467 और 468 के तहत दर्ज हो चुकी है, लेकिन पिछले एक साल से अधिक समय से भूमाफिया गाडग़े फरार ही है, उसके अलावा अफसर नवाब बेग के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है। वहीं जनसुनवाई में भी बड़ी संख्या में हर मंगलवार को वात्सल्य बिल्डर के ठगाए लोग शिकायत दर्ज करवाने पुलिस-प्रशासन के पास भी जाते हैं।
फरार घोषित गाडग़े की सम्पत्तियां होगी कुर्क
अभी 22 जनवरी को ही प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट कमलेश कुमार सोनी की अदालत ने अभियुक्त प्रफुल्ल गाडग़े पिता पुरुषोत्तम उम्र 50 साल 301, केशवकला अपार्टमेंट, बजाज नगर जिला नागपुर के नाम से हाजरी की अपेक्षा वाली उद्घोषणा जारी की है। पुलिस का कहना है कि गिरफ्तारी के वारंट यह लिखकर लौटा दिए जाते हैं कि अभियुक्त गाडग़े मिल नहीं रहा है। लिहाजा अब कोर्ट ने उसकी सम्पत्तियों की कुर्की करने को भी कहा है। वहीं संघर्ष समिति द्वारा भी लगातार बैठकें की जा रही है और अदालती लड़ाई भी लड़़ रहे हैं। अखबारों में भी सार्वजनिक सूचना वात्सल्य प्लाट पीडि़त समिति द्वारा प्रकाशित करवाई जा रही है।
इंदौर के नए मास्टर प्लान की चल रही है कवायद
1 जनवरी 2008 को इंदौर का वर्तमान मास्टर प्लान लागू किया गया था, जो अभी 31 दिसम्बर 2021 को समाप्त हो जाएगा। लिहाजा आने वाले नए मास्टर प्लान के निर्माण की कवायद भी शुरू हो गई ङै। पिछले दिनों कलेक्टर मनीष सिंह ने भी मुख्यमंत्री के समक्ष इंदौर की विकास योजना और भावी प्रोजेक्टों को लेकर प्रजेंटेशन भी दिया था। जानकारों का कहना है कि जब नया मास्टर प्लान आने वाला है तो उसके पहले 80 एकड़ कृषि जमीन को आवासीय करने की भोपाली अफसरों को क्या हड़पड़ी है। मजे की बात यह है कि यह जमीन भी 500 करोड़ से अधिक के घोटालेबाज की है, जिसकी इंदौर पुलिस को तलाश है।
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