नई दिल्ली। पाकिस्तान (Pakistan) भले ही भारत (India) के खिलाफ साजिश रचने का कोई मौका नहीं छोड़ता, लेकिन भारत इसके बावजूद कोरोना (Coronavirus) से निपटने में उसकी मदद करने को तैयार है। पाकिस्तान भारतीय वैक्सीन के सहारे कोरोना से जंग लड़ेगा। उसे यह वैक्सीन इंटरनेशनल अलायंस GAVI के जरिए उपलब्ध कराई जाएगी।
यह संगठन गरीब देशों को कोरोना वैक्सीन मुहैया कराने के लिए बनाया गया है। उम्मीद है कि कोरोना वैक्सीन की पहली खेप मार्च के मध्य तक पाकिस्तान पहुंच जाएगी। वहीं जून तक वैक्सीन की 4.5 करोड़ डोज पाकिस्तान पहुंचने की उम्मीद है।
भारत 65 देशों को COVID-19 वैक्सीन उपलब्ध करा रहा है। इनमें कई देशों को ग्रांट के बेसिस पर वैक्सीन दी जा रही है, तो वहीं अन्य देश भारत सरकार द्वारा निर्धारित कीमत का भुगतान कर वैक्सीन ले रहे हैं। भारत ने श्रीलंका, भूटान, मालदीव, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार और सेशेल्स सहित अनुदान सहायता वाले देशों में लगभग 56 लाख कोरोना वैक्सीन के डोज उपलब्ध कराए हैं।
भारत ने 65 देशों को कोरोना वैक्सीन भेजी
भारत ने दुनियाभर के 65 देशों को कोरोना वैक्सीन भेजी हैं। कई देशों को वैक्सीन फ्री दी गई है, जबकि कुछ देशों को इसे बेचा गया है। पड़ोसी देशों श्रीलंका, भूटान, मालदीव, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार और सेशेल्स को करीब 56 लाख वैक्सीन फ्री में दी गई हैं। भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) कोवीशील्ड और भारत बायोटेक कोवैक्सिन का प्रोडक्शन कर रही हैं।
दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान भारत में
भारत ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित भारत बायोटेक की कोवैक्सिन और ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोविशिल्ड को मंजूरी दी है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने बताया कि 9 मार्च को भारत ने एक ही दिन में 20 लाख से अधिक लोगों को कोविड-19 की वैक्सीन की डोज दी गई। भारत में कोरोना वैक्सिनेशन का ड्राइव दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान है।
क्या है Gavi?
पाकिस्तान को ग्लोबल अलायंस फॉर वैक्सीन्स एंड इम्यूनाइजेशन (Global Alliance for Vaccines and Immunisation-Gavi) के जरिए भारत निर्मित वैक्सीन मिलेगी। वर्ष 2000 में स्थापित अंतरराष्ट्रीय संस्था गावी का उद्देश्य दुनिया के गरीब देशों को ऐसी बीमारियों का टीका मुहैया कराना है, जिन्हें वैक्सीन के जरिए रोका जा सकता है। कोरोना से जंग में गरीब देशों की मदद के लिए इसी के तहत वैक्सीन पहुंचाई जा रही है। संयुक्त राष्ट्र पहले ही कह चुका है कि सभी देशों को वैक्सीन मुहैया कराई जानी चाहिए, ताकि आर्थिक स्थिति महामारी से बचाव में बाधा न बने।
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