भोपाल। प्रदेश में अनुकंपा प्रक्रिया के तहत नौकरी (Job) लेने वाले व्यक्ति को माता-पिता के साथ अपने आश्रित छोटे भाई-बहनों की भी देखरेख करनी होगी। राज्य सरकार (State Government) अनुकंपा के प्रावधानों को और व्यावहारिक करने जा रही है। इससे न केवल नौकरी (Job) मिलने में विलंब नहीं होगा, बल्कि परिवारों की सुरक्षा भी बढ़ेगी। इस समय मप्र (MP) में सालों से पेंडिंग चल रहे अनुकंपा के 8000 से 10000 प्रकरण हैं। नए प्रावधानों का खाका लगभग तैयार है। उसे शासन में उच्च स्तर पर भेजा जा चुका है। जल्द ही इसे हरी झंडी देकर कैबिनेट (Cabinet) में लाया जाएगा। नए प्रावधानों में माता-पिता के साथ छोटे-भाई बहनों को भी साथ रखने की शर्त जोड़ी जा रही है। इसी तरह यदि आरक्षित श्रेणी में भी पद रिक्त हैं तो कोई कैंडिडेट नहीं है तो उसे सामान्य वर्ग से भरा जा सकेगा। आरक्षित पद पर सामान्य श्रेणी आ भी जाता है तो उसे सामान्य श्रेणी में आगे बढऩा होगा। लंबे समय से यह मांग उठ रही था कि अनुकंपा की शर्तों के कारण लगातार मामले पेंडिंग होते जा रहे हैं। नियुक्ति के लिए पद नहीं मिल रहे। नए प्रावधानों से नौकरी (Job) मिलने का रास्ता साफ होगा।
पति को भी मिलेगी 45 वर्ष छूट
अभी अधिकारी-कर्मचारी पति के निधन पर पत्नी को 45 वर्ष तक अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता थी। यदि पत्नी सर्विस में है और उसका निधन हो जाता है तो पति के लिए आयु की यह छूट नहीं थी। इसे अब नए प्रावधानों में शामिल किया जा रहा है।
समाप्त होगा सात साल का बंधन
अनुकंपा नियुक्ति के मामले में वर्तमान में यह प्रावधान है कि निधन से लेकर सात साल तक ही वह नौकरी (Job) के लिए पात्र रहता था। इस दरमियान अनुकंपा नियुक्ति लेने वाले को बालिग होना चाहिए। इसी तरह एक साल के भीतर उसे आवेदन भी करना होता है। अब यह बंधन नहीं होगा। जब तक पद रहेगा, अनुकंपा लेने वाला व्यक्ति पात्र बना रहेगा। इसे ऐसे भी समझा जा सकता है कि पद की पात्रता रखने तक वह पात्र रहेगा। आवेदन भी वह कभी भी कर सकेगा।
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