चार से पांच प्रकार के तुलसी पौधे, आंवला, खटवा, इलायची, सौंफ के झाड़ लगेंगे
शुगर रोगियों के लिए इंसुलिन पौधे की पत्तियां मिल सकेंगी, कल होगा शुभारंभ
इन्दौर। अब तक नगर निगम (Municipal Corporation) ने शहरभर के बगीचों (Gardens) को संवारने का काम शुरू किया था और उनमें वेस्ट चीजों से अलग-अलग कलाकृतियां बनाई गई थीं। अब इन सबसे हटकर जीरो वेस्ट वार्ड में जड़ी-बूटियों वाला बगीचा पल्हर नगर (Palhar Nagar) के पास बनाया जा रहा है। कल इसका शुभारंभ है और आने वाले दिनों में उद्यान में ना ना प्रकार की जड़ी-बूटियों वाले पेड़-पौधे नजर आएंगे। इसे हर्बल गार्डन (Herbal Gardens) का नाम दिया गया है।
नगर निगम द्वारा शहर के विभिन्न स्थानों पर बने बगीचों को संवारने की प्रक्रिया पिछले चार माह से की जा रही है। इसके तहत पंचम की फैल, एमआईजी, पलसीकर से लेकर कई बगीचों की दशा सुधार दी गई और वहां विभिन्न प्रकार की अनुपयोगी वस्तुओं को सजाकर बगीचों को आकर्षक बनाया गया है। करीब 20 से ज्यादा बगीचे इसी प्रकार के पैटर्न पर संवारे गए हैं और यह काम अभी भी जारी है। अब नगर निगम द्वारा पल्हर नगर पानी की टंकी के समीप द्वारकाधीश हर्बल गार्डन बनाया जा रहा है। अधिकारियों के मुताबिक इस गार्डन का शुभारंभ कल महिला दिवस पर होगा। इसके बाद वहां ना ना प्रकार की प्रजाति के औषधीय पौधे लगाए जाएंगे। गार्डन की देखरेख का जिम्मा रहवासी संघ और निगम मिलकर करेंगे।
इन प्रजातियों के औषधीय पौधे लगेंगे
निगम अधिकारियों के मुताबिल हर्बल गार्डन में आंवला, बहड़ा, सतावर, काली हल्दी, सर्पगंधा, अश्वगंधा, अजवाइन, इंसुलिन वाले पौधे, इलायची, सौंफ के साथ-साथ तुलसी की चार से पांच प्रजातियों के पौधे लगाए जाएंगे। इनमें खासकर काली तुलसी भी रहेगी। इनमें तुलसी तमाम औषधीय गुणों से भरपूर है और अलग-अलग प्रकार की तुलसी विभिन्न रोगों के लिए लाभकारी होती है। इसी प्रकार इंसुलिन वाले पौधों की पत्तियां शुगर रोगियों के लिए उपयोग में लाई जाती हैं।
प्रोफेसरों की निगरानी में होगा काम
निगम के पहले हर्बल गार्डन को बेहतर बनाने के लिए तमाम प्रयोग किए जा रहे हैं। वहां 20 से 25 प्रकार की प्रजातियों के औषधीय पौधे लगाने के साथ-साथ वहां किस प्रकार कार्य किया जाएगा, इसको लेकर एग्रीकल्चर कालेज के कई वरिष्ठ प्रोफेसरों से भी निगम ने दिशा-निर्देश मांगा है। इसी सप्ताह कालेज के प्रोफेसरों की टीम निगम अफसरों के साथ वहां दौरा करेगी और उन्हें अलग-अलग औषधीय पौधे लगाने के बारे में जानकारी दी जाएगी।
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