नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शुक्रवार को यानी आज एक और पुरस्कार मिलने जा रहा है। प्रधानमंत्री आज कैम्ब्रिज एनर्जी रिसर्च एसोसिएट्स वीक (सेरावीक) के वैश्विक ऊर्जा और पर्यावरण लीडरशिप पुरस्कार से नवाजे जाएंगे। उन्हें यह सम्मान ऊर्जा और पर्यावरण में स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता के लिए दिया जा रहा है।
गौरतलब है कि हर साल मार्च माह में ह्यूस्टन में सेरावीक सम्मेलन का आयोजन होता है। इसकी गिनती दुनिया के सबसे आगे रहने वाले ऊर्जा मंचों में की जाती है। खास बात यह भी यह कि प्रधानमंत्री मोदी इस सम्मान समारोह में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल होंगे, जहां वह भाषण भी देंगे। इस सम्मेलन का आयोजन पहली बार पूरी तरह वर्चुअल तरीके से हो रहा है। इस सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति के दूत जॉन केरी, बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सह-अध्यक्ष और ब्रेकथ्रू एनर्जी के संस्थापक बिल गेट्स और सऊदी अरामको के सीईओ अमीन नासर भी इस सम्मेलन में भाग लेंगे।
दुनिया की ऊर्जा जरूरतों का ख्याल रखने के लिए प्रधानमंत्री हो रहे हैं सम्मानित
कार्यक्रम के आयोजक आईएचएस मार्किट के वाइस चेयरमैन और कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डेनियल येरगिन ने कहा है कि देश और दुनिया की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत के नेतृत्व में किए जा रहे लगातार प्रयास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस अवार्ड से सम्मानित करने को लेकर खुशी हो रही है।
उल्लेखनीय है कि डॉक्टर डेनिएल येरगिन ने 1983 में सेरावीक की स्थापना की थी। इसकी स्थापना के बाद से प्रत्येक साल मार्च महीने में हृयूस्टन में सेरावीक का आयोजन होता है। इसकी गिनती विश्व के अग्रणी ऊर्जा मंचों में होती है। इस साल यह आयोजन डिजिटल तरीके से एक से पांच मार्च तक हो रहा है। सेरावीक वैश्विक ऊर्जा और पर्यावरण लीडरशीप पुरस्कार की शुरुआत 2016 में की गई थी। वैश्विक ऊर्जा और पर्यावरण के क्षेत्र में प्रतिबद्ध नेतृत्व के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया जाता है।
स्वीडीश समकक्ष स्टीफन लोफवेन से करेंगे शिखर वार्ता
वहीं प्रधानमंत्री मोदी अपने स्वीडीश समकक्ष स्टीफन लोफवेन के साथ डिजीटल माध्यम से शिखर वार्ता करेंगे और इस दौरान दोनों नेता द्विपक्षीय संबंधों के सभी आयामों के अलावा क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।
प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान के मुताबिक दोनों नेता कोविड-19 के बाद आपसी सहयोग को मजबूत करने से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे। दोनों नेताओं के बीच साल 2015 के बाद यह पांचवां संवाद होगा।
बयान में कहा गया, ‘भारत और स्वीडन के बीच लोकतंत्र, आजादी, अनेकता और नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय सीमा के साझा मूल्यों पर आधारित गहरे और दोस्ताना संबंध हैं। व्यापार और निवेश, नवोन्मेष, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के साथ ही शोध और विकास के क्षेत्र में दोनों देशों में करीबी सहयोग है।’
पीएम ने 2018 में स्टॉकहोम का दौरा किया था
लगभग 250 स्वीडीश कपंनियां स्वास्थ्य व जीवन विज्ञान, ऑटो उद्योग, स्वच्छ तकनीक, रक्षा, भारी मशीन और उपकरण के क्षेत्रों में सक्रियता से काम कर रही हैं। स्वीडन में भी लगभग 75 भारतीय कंपनियां काम कर रही हैं।
बयान में कहा गया कि शिखर वार्ता के दौरान दोनों नेता द्विपक्षीय संबंधों के सभी आयामों के अलावा क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों को आदान-प्रदान करेंगे। साथ ही कोविड-19 के बाद आपसी सहयोग को मजबूत करने से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने 2018 में स्टॉकहोम का दौरा किया था। स्वीडन के प्रधानमंत्री लोफवेन ने 2016 में का दौरा किया था।
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