इंदौर। नगर निगम ने बेसहारा बुजुर्गों (old), भिखारियों (beggar) के पुनर्वास-उपचार के लिए शिविरों का आयोजन किया है। केन्द्र सरकार ( central government) की दीनबंधु पुनर्वास योजना के तहत लगाए शिविर में अब तक 109 लोगों को लाया जा चुका है। इनमें एक ऐसा व्यक्ति भी दो सालों से भीख मांगता मिला, जो हकीकत में करोड़पति है। इस अविवाहित बुजुर्ग के पास खुद का प्लॉट और बंगला तो है ही, वहीं उसके रहने के कमरे में भी चार से पांच लाख रुपए का इंटीरियर किया हुआ मिला। मगर शराब ( alcohol)की लत के कारण परिवारजनों ने उसे ठुकरा दिया वह और कालका माता मंदिर के पास बैठकर भीख मांगने लगा।
अभी उपचार और पुनर्वास के बाद परिवार के लोग फिर से इस बुजुर्ग को घर ले गए हैं। पिछले दिनों नगर निगम ने बेसहारा बुजुर्गों-भिखारियों को शहर से बाहर भेजने का कारनामा किया था, जिसकी देशभर में छिछालेदारी हुई, जिसके बाद बुजुर्गों और भिखारियों की सुध ली गई। केन्द्र सरकार की दीनबंधु पुनर्वास योजना के तहत इंदौर को भी भिखारीमुक्त किया जाना है। लिहाजा निगम ने भिक्षुकों और बेसहारा बुजुर्गों के लिए शिविर लगवाए, जिसमें अभी तक 109 लोगों को लाया जा चुका है, जिनका उपचार और पुनर्वास किया जा चुका है। इस कार्य में एनजीओ संस्था परम पूज्य रक्षक आदिनाथ वेलफेयर एंड एजुकेशन सोसायटी भी जुड़ी है। इसकी संचालक रूपाली जैन ने बताया कि वायर चौराहा स्थित कालका माता मंदिर के पास से 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग रमेश यादव को शिविर में लाया गया। इनकी शादी नहीं हुई और शराब पीने के कारण भाई-भतीजे व परिवार के लोगों ने इन्हें ठुकरा दिया, जिसके बाद पिछले दो साल से कालका माता मंदिर के पास बैठकर भीख मांगते थे और उससे जो राशि मिलती थी उसकी शराब पी जाते। अभी उन्हें शिविर में रखा गया। उनका उपचार भी किया गया और जब उनसे बातचीत की गई तो उन्होंने अपने बारे में बताया। उसके बाद जब एनजीओ टीम उनके घर पहुंची तो पता चला कि वे एक करोड़ रुपए से अधिक के सम्पत्ति के मालिक हैं।
अधिकांश भिक्षुक और बुजुर्ग मिले नशे के आदी
एनजीओ संचालक रूपाली जैन के मुताबिक शिविर में जितने भी बुजुर्ग और भिखारियों को लाया गया उनमें अधिकांश नशे के आदी पाए गए। हर तरह का नशा ये लोग करते हैं, जिसमें तम्बाकू से लेकर गांजा, व्हाइटनर, शराब सहित अन्य तरह के नशे शामिल हैं। लिहाजा अभी इनकी काउंसलिंग भी की जा रही है, ताकि ये नशे की लत से छुटकारा पा सकें और इनका उपचार भी करवाया जा रहा है। लगभग 109 लोगों को अभी तक शिविर में लाया जा चुका है, जिनमें से लगभग 15 लोगों का इलाज अरबिन्दो में कराया जा रहा है। वहीं कुछ लोगों को आश्रम और अन्य जगह भिजवाया गया है। अभी रमेश यादव को परिजन वापस घर ले गए हैं।
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