डेस्क। पानी, कोयला, हवा और लहरों से बिजली पैदा होते तो आपने देखा और सुना होगा। क्या कभी संतरे से बिजली पैदा होते सुना है? जी हां, ऐसा होता है। स्पेन के एक शहर में जहां संतरों का उत्पादन बहुत ज्यादा और गुणवत्ता पूर्ण तरीके से किया जाता है, अब वहां पर संतरों से बिजली बनाई जा रही है। आइए जानते हैं इस कि कैसे संतरे से बिजली बनाई जा रही है?
स्पेन के सवील (Seville) शहर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने संतरों के उत्पादन के लिए जाना जाता है। यहां के गुणवत्तापूर्ण संतरों की वजह से मार्मालेड, कॉन्ट्रियू और ग्रांड मरीनर जैसे ड्रिक्ंस बनते हैं। यहां के संतरे ताजे, खुशबूदार और बेहद एसिडिक फ्लेवर वाले होते हैं। लेकिन ये सिर्फ इतना ही काम नहीं करते, इनका उपयोग अब बिजली बनाने में किया जा रहा है। वह भी बड़े पैमाने पर।
सवील (Seville) शहर की म्यूनिसिपल वाटर कंपनी Emasesa ने कुछ दिन पहले प्रस्ताव रखा कि जो संतरे खराब हो जाते हैं, उनसे बिजली पैदा की जा सकती है। पहले तो लोगों को समझ में नहीं आया। लेकिन कंपनी ने बताया कि हम खराब कड़वे संतरे का जूस निकाल लेंगे। उसके बाद बचे हुए हिस्से से कम्पोस्ट खाद बनाएंगे। फिर उनका उपयोग खेतों में किया जा सकता है। सवील की सड़कों पर पड़े, गलियों में फेकें, बाजारों में गिरे और खेतों से पड़े 35 टन खराब संतरों का उपयोग इस काम के लिए किया जाएगा।
The Spanish city famed for its oranges is producing energy from thousands of leftover oranges.
By turning the fruit into biogas, Seville hopes to power an entire plant using the electricity generated 🍊🍊🍊
So how does it work?
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— euronews Living (@euronewsliving) March 2, 2021
जो जूस निकाला जाएगा उसे EDAR Copero Wastewater Treatment Plant में भेजा जाएगा, वो उसे बायोफ्यूल यानी जैविक ईंधन में बदलकर उनसे बिजली पैदा करेंगे। संतरे के जूस से 1500kWh बिजली पैदा होने की उम्मीद जताई जा रही है। इससे 150 घरों को बिजली की सप्लाई होगी। अब सवील के प्रशासन को इसके लिए 2।50 लाख यूरो यानी 22.12 लाख रुपए का निवेश करना होगा। उदाहरण के लिए छोटे स्तर पर खराब संतरों से बिजली बनाकर दिखाया जा चुका है।
सवील के मेयर जुआन एस्पाडास सेजस ने इस प्रोजेक्ट की शुरुआत करते समय मीडिया से कहा कि अब स्पेन में Emasesa को रोल मॉडल की तरह देखा जा रहा है। क्योंकि यह कंपनी क्लाइमेट चेंज से लोगों को बचा रही है। हमारे ही उत्पाद से हमें बिजली और खाद बनाकर दे रही है। यह बेहद अनोखा प्रोजेक्ट है। इसके लिए मैं वाकई बहुत खुश हूं।
स्पेन ने साल 2018 में योजना बनाई थी कि वह 2050 तक पूरे देश की बिजली उत्पादन को रीन्यूएबल एनर्जी में बदल देगा। ताकि पूरी अर्थव्यवस्था से कार्बन फुटप्रिंट्स को कम किया जाए। अब स्पेन में कोयले, तेल या हाइड्रोकार्बन खोजने के लिए ड्रिलिंग या कुएं खोदने के काम पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
साल 2020 में सिडनी यूनिवर्सिटी के साइंटिस्ट्स ने टकीला से बायोफ्यूल बनाया था ताकि इससे कार चल सके। अगेव टकीलाना मेक्सिको का नेटिव प्लांट है। नमक और निंबू के रस के साथ लेने के बजाय इसका बायोईंधन भी बनाया जा सकता है। इस साल फरवरी में अमेरिकी कंपनी ब्लूशिफ्ट ने बायोफ्यूल से उड़ने वाला रॉकेट स्टारडस्ट बनाया। उसका सफल परीक्षण भी किया। स्टारडस्ट रॉकेट इस ईंधन के साथ 1219 मीटर की ऊंचाई तक गया। रॉकेट 6 मीटर ऊंचा था। इसका वजन 250 किलोग्राम था। यह अंतरिक्ष की उड़ान का सस्ता माध्यम बन सकता है।
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