नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को मैरीटाइम इंडिया समिट (एमआईएस) के दूसरे संस्करण का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने ई-बुक मैरिटाइम इंडिया विजन 2030 को रिलीज किया। इसके साथ उन्होंने सागर मंथन जागरुकता केन्द्र का भी उद्घाटन किया।
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि हमारे राष्ट्र का एक समृद्ध समुद्री इतिहास है। हमारे तटों पर सभ्यताएं फली-फूलीं, हजारों वर्षों से हमारे बंदरगाह महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र रहे हैं। हमारे तटों ने हमें दुनिया से जोड़ा, भारतीय बंदरगाहों के पास अब इस तरह के उपाय हैं। उन्होंने कहा कि इस समुद्री भारत शिखर सम्मेलन के माध्यम से मैं दुनिया को भारत आने और हमारे विकास का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित करना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि हमारे बंदरगाहों ने आनेवाले और जानेवाले कार्गो के प्रतीक्षा समय में कमी लाई है। केन्द्र सरकार ने ब्लू इकॉनमी व जलमार्गों में निवेश पर जितना ध्यान दिया है, उतना पहले कभी नहीं देखा गया था।
उन्होंने कहा कि घरेलू जलमार्ग माल ढुलाई के लिए प्रभावी और पर्यावरण के अनुकूल तरीकों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। भारत सरकार घरेलू शिप बिल्डिंग और शिप रिपेयर मार्केट पर भी ध्यान दे रही है। घरेलू जहाज निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए जहाज निर्माण वित्तीय सहायता नीति को मंजूरी दी।
23 जलमार्ग 2030 तक होंगे शुरू
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हम 2030 तक 23 जलमार्गों को चालू करने का लक्ष्य रखते हैं। भारत समुद्री क्षेत्र में बढ़ने और दुनिया की एक अग्रणी ब्लू इकोनॉमी के रूप में उभरने की दिशा में चल रहा है। भारत में विशाल समुद्र तट के रूप में 189 लाइट हाउस हैं। हमने 78 लाइट हाउस से सटे भूमि में पर्यटन को विकसित करने के लिए एक कार्यक्रम तैयार किया है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य मौजूदा प्रकाश स्तंभों और इसके आसपास के क्षेत्रों को अद्वितीय समुद्री पर्यटन स्थलों में विकसित करना है।
हमारे लोग मेहनती हैं, हमारे बंदरगाहों में करें निवेश
उन्होंने विदेशी निवेशकों से अपील करते हुए कहा कि भारत की लंबी तटरेखा को आपका इंतजार है। भारत के लोग मेहनती हैं जो निवेशकों के इंतजार में हैं। हमारे बंदरगाहों में निवेश करें। भारत को अपना पसंदीदा व्यापार स्थल बनाएं। भारतीय बंदरगाहों को आपके व्यापार और वाणिज्य का इंतजार है।
बता दें कि शिखर सम्मेलन भारत की समुद्री अर्थव्यवस्था के विकास को आगे बढ़ाने में मदद करेगा। इस आयोजन में 50 देशों से ज्यादा भाग ले रहे हैं, जिसमें भारत में समुद्री क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई देशों के सीईओ और राजदूत भी शामिल हैं। 50 देशों के एक लाख से अधिक प्रतिभागियों ने एमआईएस शिखर सम्मेलन 2021 के लिए ऑनलाइन पंजीकरण किया है। यह शिखर सम्मेलन 4 मार्च तक चलेगा।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved