नई दिल्ली । केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल (Petrol – Diesel) पर एक्साइज ड्यूटी (Excise Duty) में कटौती करने की तैयारी कर रही है. वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) इस पर विचार कर रहा है कि कितनी कटौती की जा सकती है.
गौरतलब है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें देश में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई हैं. इसकी वजह से विपक्ष द्वारा सरकार की काफी आलोचना हो रही है और यह मांग की जा रही है कि केंद्र और राज्य सरकारें टैक्सेज (Reduce Taxes) में कटौती करें.
RBI गवर्नर ने भी कहा
रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के गवर्नर शक्तिकांत दास भी यह कह चुके हैं कि सरकारों को टैक्सेज में कटौती करनी चाहिए. अभी पेट्रोल और डीजल की कीमत में टैक्सेज का हिस्सा बहुत ज्यादा होता है. पेट्रोल की कीमत में करीब 60 फीसदी हिस्सा तो टैक्स (Taxes) का ही होता है. करीब 36 रुपये लीटर की लागत में आने वाला पेट्रोल दिल्ली में 91 रुपये के आसपास बिक रहा है यानी इसमें करीब 55 रुपये का टैक्स ही लग रहा है.
रिपोर्ट के अनुसार, वित्त मंत्रालय ने अब राज्य सरकारों, तेल कंपनियों और पेट्रोलियम मंत्रालय के साथ इस मसले पर विचार करना शुरू किया है. ऐसे रास्ते तलाशे जा रहे हैं कि उपभोक्ताओं को राहत दी जाए और सरकारी खजाने पर ज्यादा बोझ भी नहीं पड़े.
ऐसे तरीकों पर विचार कर रहे हैं कि कीमतें किस तरह से स्थिर रखी जाएं. मार्च के मध्य तक इस बारे में कोई निर्णय ले लेंगे. सरकार टैक्सेज में कटौती से पहले इस बात का इंतजार करेगी कि कच्चे तेल (Crude oil) कीकीमतें स्थिर हो जाएं. ताकि आगे फिर टैक्स में बढ़ोतरी की जरूरत न पड़े.’
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने हाल में कहा था कि टैक्स में कटौती के बारे में केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर कोई कदम उठाना होगा.
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