लंदन। मैगनेटिक रिजॉनेंस इमेजिंग(Magnetic Resonance Imaging)तकनीक विकसित करने की राह दिखाने वाले ब्रिटिश चिकित्सा भौतिक विज्ञानी प्रो. जॉन मल्लार्ड (Prof John Mallard)का 94 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। एबरडीन विश्वविद्यालय ने चिकित्सा भौतिक विज्ञानी प्रो. जॉन मल्लार्ड के निधन की जानकारी दी।
प्रो. जॉन मल्लार्ड ने पूरे शरीर को स्कैन कर रोगों का पता लगाने वाली तकनीक मैगनेटिक रिजॉनेंस इमेजिंग (एमआरआई) को विकसित करने वाली टीम को नेतृत्व किया था। एमआरआई दुनिया की पहली ऐसी तकनीक है, जिससे मरीज के पूरे शरीर को एक बार में स्कैन किया जा सकता है। वर्तमान में एमआरआई तकनीक को पूरी दुनिया में कैंसर, डिमेन्शीअ समेत कई अन्य रोगों समेत शरीर पर लगी गंभीर चोट का पता लगाकर उनके निदान के लिए उपयोग किया जा रहा है।
प्रो. जॉन मल्लार्ड पॉजिट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी (पीईटी) इमेजिंग तकनीत के शुरुआती चैंपियन थे। पीईटी एक ऐसी परमाणु चिकित्सा इमेजिंग तकनीक है, जो शरीर की कार्यात्मक प्रक्रियाओं की त्रि-आयामी छवियों का उत्पादन कर मानव शरीर में रोगों को पता लगाने की सबसे बेहतर तकनीकों में से एक है। प्रो. मल्लार्ड को ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के जन्मदिन पर ओबीई से सम्मान दिया गया था। उन्हें 2004 में ‘फ्रीडम ऑफ द सिटी ऑफ एबरडीन’ सम्मान से सम्मानित किया गया था।
प्रो. मल्लार्ड के निधन पर शोक जताते हुए एबरडीन विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ मेडिसिन, मेडिकल साइंसेज एंड न्यूट्रीशन विभाग के प्रमुख प्रो. सिलादित्य भट्टाचार्य ने कहा, ”हमें प्रोफेसर जॉन मल्लार्ड के निधन का गहरा दुख है, जिन्होंने अपनी टीम के साथ मिलकर मेडिकल इमेजिंग (Medical Imaging)की दुनिया को बदलने में अहम योगदान दिया। उनकी विरासत एमआरआई स्कैन तकनीक (MRI Scan Technique)और पीईटी (PET)लोगों का जीवन बचाती रहेगी। हमें गर्व है कि उन्होंने एबरडीन विश्वविद्यालय (University of Aberdeen)में इस तरह के अविष्कार (Invention) किए और हमारे विश्वविद्यालय के नाम कई अहम योगदान कर दिए। हमारी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं।
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