भरूच/अहमदाबाद । राज्य में नगरपालिकाओं, जिला पंचायतों और तालुका पंचायतों के चुनाव के लिए मतदान चल रहा है। भरूच के वालिया तहसील के केसर गांव में अब तक बुनियादी सुविधाओं उपलब्ध न होने के विरोध में स्थानीय लोगों ने पंचायत चुनाव के मतदान का बहिष्कार किया। ग्रामीणों के चुनाव बहिष्कार की खबर मिलते ही प्रशासन हरकत में आ गया है। कई अधिकारी गांव पहुंच गए हैं और मतदान करने के लिए ग्रामीणों को मना रहे हैं।
रविवार सुबह 7 बजे से ही केसर गांव में बने मतदान केन्द्र पर कर्मचारी मतदान प्रक्रिया के तैयार थे। लेकिन केसर गांव से एक भी मतदाता केंद्र पर नहीं गया। जानकारी करने पर पता चला कि गांव के लोगों ने मतदान का बहिष्कार किया गया। गांव के लोग बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध न होने से नाराज हैं। वालिया तहसील के केसर गांव के लोगों का कहना है कि आजादी के सात दशक बाद भी पूरा गांव विकास कार्यों से उपेक्षित है। इस गांव में लगभग तीन सौ मतदाता हैं। केसर गांव और इटकला गांव की समूह ग्राम पंचायत इटकाला गांव में स्थित है, ताकि केसर गांव के लोगों को सस्ते राशन सामान खरीदने के लिए इटकला गांव जाना पड़ता है। गांव में स्कूल नहीं है। स्कूली बच्चों को अध्ययन के लिए किम नदी पार करने का जोखिम उठाना पड़ता है। किम नदी से दोनों गांवों की दूरी आधा किलोमीटर है, जबकि चार गांवों को 20 किलोमीटर की दूरी तय करनी है। नदी पर पुल के लिए बार-बार मांग की गई हैं लेकिन तंत्र और नेताओं ने केवल वायदे किए लेकिन वादों के अलावा कुछ नहीं मिला है। ग्रामीणों का कहना है कि अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि तक गांव में किम नदी पर पुल और अन्य बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के आश्वासन दे चुके हैं लेकिन लेकिन आज तक गांव कोई कार्य नहीं कराया गया। उल्लेखनीय है कि इस गांव में बुनियादी सुविधाओं की मांग को लेकर ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल से भी मिला था, लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। केसर गांव के ग्रामीणों के मतदान का बहिष्कार करने की खबर पर प्रशासन हरकत में आ गया। कई अधिकारी गांव पर पहुंच गए और ग्रामीणों को मतदान करने के लिए मनाने की कोशिश की। समाचार लिखे जाने तक ग्रामीणा मतदान न करने पर अड़े थे।