त्रिपुष्कर और सर्वार्थसिद्धि योग में फाल्गुन मास की शुरुआत हुई
माघ मास (Magh month) की बिदाई के साथ आज त्रिपुष्कर और सर्वार्थसिद्धि योग में आंनद और उल्लास के साथ फाल्गुन मास की शुरुआत हुई। पुरानी परंपरा के अनुसार होली से एक माह पूर्व रोप जाने वाला होली (Holi) का डांडा शहर में विभिन्न स्थानों पर माघ पूर्णिमा की शाम को रोपा गया ।
फाल्गुन का महीना हिन्दू पंचांग का अंतिम महीना है, इस महीने की पूर्णिमा ( Poornima) को फाल्गुनी नक्षत्र होने के कारण इस महीने का नाम फाल्गुन है। यह महीना आनंद और उल्लास का महीना माना जाता है, इस महीने से धीरे-धीरे गर्मी की शुरुआत होती है , और सर्दी कम होने लगती है । बसंत (Basant) का प्रभाव होने से इस महीने में प्रेम और रिश्तों में बेहतरी आती जाती है । इस महीने से खान पान और जीवनचर्या में जरूर बदलाव करना चाहिए, मन की चंचलता को नियंत्रित करने के प्रयास करने चाहिए । इस बार फाल्गुन मास 1 फरवरी से 2 मार्च तक रहेगा। आगामी 11 मार्च को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा।
फागोत्सव पर संशय
एक बार फिर कोरोना मरीजों की बढ़ती तादाद के कारण शहर में बड़े पैमाने पर मनाएं जाने वाले बड़े पारंपरिक फाग उत्सव आयोजनों पर संशय के बादल मंडरा रहे हैं। वैसे गली मोहल्लोंं में ढोलक की थाप के साथ होली के गीतों गाएं जाएंगे। प्राचीन मंदिरों में विशेष फागोत्सव आयोजित होंगे।
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