इस्लामाबाद । पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Prime Minister Imran Khan) ने एक बार फिर दोस्ती का हाथ बढ़ाते हुए भारत (India) के साथ संघर्ष विराम (ceasefire) समझौते का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भारत (Pakistan-India) के साथ सभी लंबित मुद्दों को वार्ता के जरिये सुलझाने के लिए तैयार है।
नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अन्य सेक्टरों में संघर्ष विराम के सभी समझौतों के सख्ती से अनुपालन पर पाकिस्तान और भारत की सेनाओं के गुरुवार को दिए संयुक्त बयान पर पहली बार प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा है कि ‘नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम बहाली का मैं स्वागत करता हूं। आगे की प्रगति के लिए अनुकूल माहौल बनाने की जिम्मेदारी भारत पर है। भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के प्रस्तावों के मुताबिक कश्मीरी लोगों की आत्मनिर्णय की काफी समय से लंबित मांग और अधिकार को पूरा करने के लिए जरूरी कदम उठाने चाहिए।’
उन्होंने आगे कहा, ‘हम हमेशा शांति के पक्षधर रहे हैं और सभी लंबित मुद्दों का वार्ता के जरिये समाधान करने के लिए आगे बढ़ने को तैयार हैं।’ हालांकि कश्मीर मसले पर भारत पाकिस्तान को बता चुका है कि भारत के अंदरूनी मामलों पर टिप्पणी करने का उसे कोई अधिकार नहीं है। भारत ने जोर देकर कहा है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख देश के अभिन्न हिस्से रहे हैं और हमेशा रहेंगे।
गौरतलब है कि 2019 में भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) द्वारा बालाकोट में जैश-ए-मुहम्मद (Jaish-e-Muhamma) के प्रशिक्षण शिविरों को निशाना बनाए जाने के बाद पाकिस्तान की ओर से की गई जवाबी कार्रवाई की वर्षगांठ पर ट्वीट करते हुए इमरान ने कहा कि बंदी बनाए गए भारतीय पायलट (Indian Pilot) को लौटाकर पाकिस्तान दुनिया के समक्ष अपने जिम्मेदारीपूर्ण आचरण को भी प्रदर्शित कर चुका है। पुलवामा आतंकी हमले में 40 सीआरपीएफ (CRPF) जवानों की शहादत के बाद भारतीय वायुसेना के युद्धक विमानों ने 26 फरवरी, 2019 को बालाकोट में जैश के प्रशिक्षण शिविरों को निशाना बनाया था।
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