भोपाल। प्रदेश (Pradesh) की 313 जनपद (District) पंचायत एवं 52 जिला पंचायतों के साल 2005 से पूर्व नियुक्त होकर वर्तमान में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी (Fourth class) के लगभग 1500 मूल कर्मचारी (Staff) कार्यरत हैं, जिन्हें पेंशन योजना लागू नहीं है। जबकि 2005 के पश्चात नियुक्ति कर्मचारियों को अंशदायी पेंशन योजना पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा लागू की गई है, जो 2005 से पूर्व नियुक्त कर्मचारियों के हितकर नहीं है। इस संबंध में प्रांतीय जिला एवं जनपद पंचायत अधिकारी (Officer) कर्मचारी संघ मप्र (MP) के प्रदेश अध्यक्ष भारत भूषण शर्मा (State President Bharat Bhushan Sharma) ने बताया कि शासन की ग्रामीण सेवा में संचालित अनेकों जनकल्याणकारी (Public welfare) योजनाओं का संचालन या क्रियान्वयन जिला एवं जनपद पंचायतों के माध्यम से पंचायतों में किया जाता है। जिसके समय सीमा में क्रियान्वयन में इन मूल कर्मचारियों का विशेष योगदान रहता है। शर्मा ने कहा कि हम विगत कई वर्षों से शासकीय, नगरीय निकाय, मंडी बोर्ड, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारियों के अनुरूप पेंशन योजना (Pension Scheme) लागू करने की मांग कर रहे हैं। शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Cheif Minister Shivraj Singh Chouhan) ने 27 सितंबर 2008 को रविन्द्र भवन, 5 मार्च 2018 को जन्मदिन के अवसर पर एसएआइटी विदिशा में आयोजित कार्यक्रम में जिला एवं जनपद पंचायतों के मूल कर्मचारियों को पेंशन योजना लागू करने की घोषणा की थी। इसके बाद भी आज दिनांक तक शासन द्वारा कोई सार्थक निर्णय नहीं लिया गया। जिसके कारण कर्मचारी सेवानिवृत्त उपरांत जीवन यापन हेतु मोहताज हो रहे हैं जिससे कर्मचारियों में रोष व्याप्त है।
शर्मा ने कहा कि 35 वर्ष की सेवा करने के पश्चात भी इन कर्मचारियों को शासन द्वारा सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराई जा रही है जो खेद का विषय है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री, पंचायत मंत्री, सांसद, विधायक, अध्यक्ष जिला एवं जनपद पंचायतों को लगभग ढाई सौ से अधिक ज्ञापन दिए जा चुके हैं पर अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई।
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