हिसार। किसान सहयोग मंच का मानना है कि तीन कृषि कानूनों का किसानों से अधिक आम आदमी पर ज्यादा प्रभाव पड़ेगा। इससे आम जरूरत की चीजें महंगी हो जाएगी और किसान अपनी ही जमीन में मजदूर बनकर रह जाएगा। मंच की ओर से शहर की शिव धर्मशाला में आयोजित सम्मेलन में वक्ताओं ने यह बात कही।
सम्मेलन के मुख्य वक्ता एवं किसान सहयोग मंच के संयोजक अनिल शर्मा ने कहा कि तीन कृषि कानूनों का किसानों से अधिक आम आदमी पर प्रभाव पड़ेगा। इन तीनों कृषि कानूनों में जिस प्रकार के प्रावधान किए गए हैं, उसके चलते आने वाले समय में महंगाई बहुत अधिक बढ़ेगी। खाद्य पदार्थ भी आम आदमी खासकर गरीब व्यक्ति की पहुंच से बाहर हो जाएंगे। इन बिलों के कारण मंडी सिस्टम खत्म हो जाएगा और मंडी सिस्टम खत्म होने के बाद किसान पूंजीपतियों के चंगुल में बुरी तरह से फंस जाएगा। किसान पूंजीपतियों का मजदूर बन कर रह जाएगा, उसे पूंजीपतियों की शर्त के अनुसार ही खेती करने को मजबूर होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आम आदमी को समझ लेना चाहिए कि यह लड़ाई केवल किसानों की ना होकर आम आदमी के भविष्य की लड़ाई है।
अनिल शर्मा ने कहा कि आज आम आदमी में केवल कृषि से जुड़े कानूनों के खिलाफ ही नहीं अपितु पेट्रोल, डीजल व घरेलू रसोई गैस की कीमतों में बेहताशा बढ़ोतरी के कारण बढ़ रही महंगाई को लेकर भारी गुस्सा है। इसी प्रकार रोजगार को लेकर बेरोजगार युवाओं मे भारी रोष है। सम्मेलन को रविन्द्र शास्त्री, रमेश सैनी, सूरजभान सैनी, अनिल महला, कृष्ण श्योराण, राजाराम, नकुल, बलवंत सिंह, रमेश खोवाल, हुकमचंद, हंसराज राठी, संतलाल सैनी व रामस्वरूप राणा आदि ने भी संबोधित किया। (एजेंसी, हि.स.)
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