तेहरान। ईरान में फांसी का इंतजार कर रही महिला जहरा इस्माइली की हार्ट अटैक से मौत के बाद उसके शव को फांसी दिया गया है। ईरान में शव को फांसी देने के पीछे कट्टर शरिया कानून है। वकील का दावा है कि पीडि़ता की मां महिला की मौत की कुर्सी को हटा सके, यह अधिकार देने के लिए शव को फांसी दी गई। जहरा को अपने पति की हत्या का दोषी पाया गया था।
वकील ने कहा कि उनकी मुवक्किल जहरा को किसी भी कीमत पर फांसी दिया जाना था ताकि उसकी सास मौत की कुर्सी को हटाने के अधिकार को पूरा कर सके। जहरा का पति ईरानी खुफिया सेवा में अधिकारी था। यह अधिकारी जहरा और बेटी को प्रताडि़त करता था। जहरा के वकील ने बताया कि उनकी मुवक्किल को 16 लोगों को फांसी दिए जाने का इंतजार करना पड़ा।
जहरा की हार्ट अटैक से मौत हो गई लेकिन उन्होंने उसके शव को फांसी के तख्ते पर ले जाया गया और फंदे पर लटकाया गया ताकि उसकी सास उसके पैरों के नीचे से मौत की कुर्सी को हटा सके। जहरा की सास को शरिया कानून के तहत यह अधिकार दिया गया था जिसमें आंख के बदले आंख लेने का प्रावधान है। बताया जा रहा है जहरा को कराज कस्बे में स्थित कुख्यात रजाई शहर जेल में बुधवार को फांसी दी गई।
बता दें कि फांसी की सजा देने के मामले में ईरान चीन के बाद दूसरे नंबर पर आता है। हालांकि ईरान में भी एक साथ 17 लोगों को फांसी देना अपने आप में असामान्य है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक ईरान में पिछले साल 233 लोगों को फांसी दी गई। इनमें से तीन अपराधी तो किशोर थे, फिर भी उन्हें फांसी दी गई। ईरान में मादक पदार्थों की तस्करी के लिए भी मौत की सजा है।
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