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    मंच पर भीड़ और नारेबाजी से कमलनाथ भडक़े, बोले- मैं बोलूं या तुम बोल लो

  • February 22, 2021


    नाथ ने सूची से कई लोगों के नाम खुद काट दिए, बाद में सम्बोधन भी नहीं करवाया
    इन्दौर। लगभग 18 साल बाद इंदौर में कांग्रेस ( Congress) का संभागीय सम्मेलन कल बास्केटबॉल स्टेडियम ( Basketball Stadium) में हुआ। इसमें शामिल होने आए प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ (Kamal Nath) मंच पर पार्टी के नेताओं की भीड़ और अपने भाषण के दौरान नारेबाजी से नाराज हुए और भडक़ते हुए नारेबाजी करने वाले कार्यकर्ताओं को यह तक कह दिया आप चुप हो जाए या मैं चुप होकर चला जाता हूं। उसके बाद मामला शांत हुआ। वहीं सम्मेलन में संभाग के 10 विधायकों और 6 जिलाध्यक्षों ने दूरी बनाई, जिसको लेकर कई तरह की चर्चाएं भी चलती रहीं।


    कांग्रेस के संभागीय सम्मेलन में कई अव्यवस्थाएं सामने आईं। इसके चलते कमलनाथ, जो कि आमतौर पर किसी कार्यक्रम में नाराज नहीं होते, दो बार नाराज हो गए। 11 बजकर 50 मिनट पर कमलनाथ बास्केटबॉल स्टेडियम पहुंचे। उसके बाद शहर अध्यक्ष विनय बाकलीवाल (Vinay Bakliwal) ने स्वागत भाषण दिया। मंच पर प्रदेश कांग्रेस ने बैठक व्यवस्था की जो गाइड लाइन तय की थी, उसके हिसाब से संभाग के 21 विधायकों और 12 जिलाध्यक्षों को मंंच पर बैठना था, मगर कमलनाथ ने जब देखा कि मंच पर तय संख्या से ज्यादा लोग मौजूद हैं तो इस पर उन्होंने नाराजगी जताई और मंच पर बैठने वाले तय किए गए नेताओं की सूची मांग ली और उसमें से कई नेताओं के नाम उन्होंने खुद काट दिए। इसके बाद कमलनाथ का जब भाषण चल रहा था तो चिंटू चौकसे, वीरू झांझोट के समर्थक तक इस दौरान ही नारेबाजी कर रहे थे। इस पर भी कमलनाथ नाराज हुए और नारेबाजी करने वाले कार्यकर्ताओं को बुरी तरह डांटते हुए कहा कि या तो आप चुप हो जाओ या मैं यहां से चुप होकर चला जाता हूं। उसके बाद नारेबाजी बंद हुई।

    नाथ ने कहा-परिवर्तन को पहचानो, एक घर में पिता और पुत्र अलग-अलग वोट दे रहे हैं
    अपने सम्बोधन के दौरान कमलनाथ ने कार्यकर्ताओं की भीड़ देखकर कहा कि आप लोगों के बीच आकर मुझे खुशी होती है। आप लोगों के कारण मुझे बल और शक्ति मिलती है। आप यहां ठेके पर या कमीशन के चक्कर में नहीं आए हो, आपकी कांग्रेस के साथ आस्था है, इसलिए आप अपना घर-परिवार छोडक़र इस सम्मेलन में आए हैं। नाथ ने यह भी कहा कि आने वाले दिन कांग्रेस पार्टी के लिए बड़ी चुनौती वाले हैं, क्योंकि हमारा मुकाबला भाजपा के नेताओं से नहीं, भाजपा के संगठन से होने जा रहा है। उन्होंने कार्यकर्ताओं को सीख भी दी कि परिवर्तन को पहचानो। आज एक घर में रहने वाला पिता कांग्रेस को वोट देता है तो पुत्र भाजपा को वोट देता है। इसी परिवर्तन को पहचानकर कांग्रेस का संदेश हर घर तक पहुंचाना है। घरों में समाचार देखने वाला आपको चुनाव नहीं जिताता, चुनाव घर में सीरियल देखने वाली महिलाएं जिताती हैं।


    वर्मा सहित कई नेताओं का सम्बोधन नहीं हुआ
    कांग्रेस के संभागीय सम्मेलन में किस नेता का सम्बोधन होगा इसकी सूची कमलनाथ ने अपने पास रख ली। उसके बाद मंच पर चुनिंदा नेताओं के ही सम्बोधन हुए। पूर्व मंत्री सज्जनसिंह वर्मा (Sajjan Singh Verma) तक को मंच पर बोलने का अवसर नहीं मिला। सम्बोधन में बाला बच्चन, सचिन यादव, विजयलक्ष्मी साधौ, जीतू पटवारी के साथ मप्र कांग्रेस के सप्रभारी कुलदीप इंदौरा को ही बोलने का मौका मिला।


    कांग्रेस का संभागीय सम्मेलन इंदौर का ही बनकर रह गया, 10 विधायक नहीं आए, तो 6 जिलाध्यक्ष भी गायब
    कांग्रेस के संभागीय सम्मेलन में इंदौर सभाग के 21 कांग्रेसी विधायकों को आमंत्रित किया गया था। 12 जिलाध्यक्षों को भीड़ के साथ सम्मेलन में आने को कहा गया था। सूत्रों के अनुसार सम्मेलन में 10 विधायक और 6 जिलाध्यक्ष गायब रहे। इनमें उमंग सिंघार, ग्यारसीलाल रावत, कलावती भूरिया, झूमा सोलंकी और खरगोन के विधायक सहित अन्य विधायकों के नाम शामिल हैं। सम्मेलन में पूर्व कैबिनेट मंत्री सज्जनसिंह वर्मा, डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ, हनी बघेल, बाला बच्चन, सचिन यादव, कांतिलाल भूरिया, जीतू पटवारी जरूर मौजूद रहे।


    कुर्सी हथियाने का खेल भी चला… बाकलीवाल पर भडक़े पटवारी
    सम्मेलन में मंच पर कुर्सियां कम थीं तो उसे हथियाने वालों की संख्या ज्यादा थी। पूर्व गृहमंत्री बाला बच्चन के लिए आरक्षित कुर्सी कांग्रेस नेत्री अर्चना जायसवाल ने हथिया ली। वहींं कुर्सी को लेकर संजय बाकलीवाल से पूर्व पार्षद सुरेश मिंडा भी भिड़ गए। अव्यवस्थाओं के चलते बाकलीवाल पर पूर्व मंत्री जीतू पटवारी (Jeetu Patwari) भडक़ उठे तो काफी देर तक बाकलीवाल असहज रहे।

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