पीएम मोदी ने 2018 में पहली बार स्विटजरलैंड (Switzerland) के दावोस में वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम को संबोधित करते हुए कहा था कि वह भारत को 2024 तक 5 ट्रिलियन की इकनॉमी बनाना चाहते हैं। कोरोना के बावजूद अक्टूबर के महीने में उन्होंने अपनी इस बात को एक इंटरव्यू के दौरान फिर से दोहराया। लेकिन रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और भारत के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) उनसे भी एक कदम आगे चल रहे हैं। उन्होंने दिसंबर में इंडिया मोबाइल कांग्रेस इवेंट में कहा था कि 2024 से पहले ही भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है।
उन्होंने डिजिटल तकनीक (Technology) के इस दौर में 5G Telecom तकनीक (Technology) की बात कही। यहां सवाल ये है कि आखिर अंबानी देश को इतने कम समय में 5 ट्रिलियन डॉलर इकनॉमी कैसे बना पाएंगे और इसमें 5जी की क्या भूमिका है। 5जी तकनीक (Technology) लोगों का काम करने का तरीका ही बदल देगी। यह बहुत ही तेज होगी और और 4जी के मुकाबले एक साथ अधिक डिवाइस हैंडल कर सकेगी।
इन 3 सेक्टर को बदल देगा 5जी
5जी तकनीक (Technology) के बाद फिजिकल और डिजिटल वर्ल्ड के बीच का अंतर का बहुत ही कम हो जाएगा। हर सेक्टर पर ही इसका असर पड़ेगा, लेकिन ट्रांसपोर्टेशन, हेल्थ केयर, एजुकेशन और मनोरंजन में एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। भारत की 1.3 अरब की आबादी के संदर्भ में भी 5जी के फायदे देखे जा रहे हैं। भारत में 5जी की वैल्यू विकसित देशों से काफी अधिक होगी, क्योंकि वहां फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर (Physical infrastructure) में निवेश का स्तर कम है। यहां एक अहम बात ये है कि जिसका इंफ्रास्ट्रक्चर ( infrastructure) पर कब्जा होगा, भविष्य पर भी उसी का कब्जा होगा। भारत में मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) 5जी का अधिक से अधिक फायदा उठाने की सोच रहे हैं।
डेटा लोकलाइजेशन है अंबानी का नया मूवमेंट
कहानी यहीं खत्म नहीं होती, अंबानी एक नया मूवमेंट भी चला रहे हैं, जिसे डेटा लोकलाइजेशन कहा जा रहा है, जिसमें वह चाहते हैं कि डेटा का कंट्रोल भारत में ही रहे, ना कि विदेशों में विदेशी कंपनियों के पास। उन्हें यह भरोसा है कि जल्द ही मोदी सरकार डेटा प्राइवेसी को लेकर कोई नया नियम भी ला सकती है। ये कदम भारत को भी वर्ल्ड क्लास सेंटर बनाने में मदद करेगा।
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