लखनऊ। प्रदेश के ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत्र मंत्री श्रीकान्त शर्मा ने कहा कि केन्द्र सरकार के सहयोग से प्रदेश सरकार किसानों को 7.5 रुपये प्रति यूनिट लागत की बिजली 1.20 रुपये प्रति यूनिट और गरीब को सौ यूनिट तक 3.00 रुपये प्रति यूनिट में दे रही है। गरीब और किसान को सस्ती बिजली देने के लिये पावर कॉर्पोरेशन को 12,500 करोड़ रुपये की सालाना सब्सिडी दी जा रही है। यह सब्सिडी पूर्व सरकार में केवल 5600 करोड़ रुपये थी।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों में किसान सिंचाई के लिए ठंड में ठिठुरते हुए रात भर जागता था, अब प्रदेश सरकार कृषकों के लिए फीडर सेपरेशन कर दिन में सिंचाई के लिए सुबह 7ः00 बजे से शाम 5ः00 तक बिजली दे रही है। गांवों को रोज 18 घंटे और पूर्व की सरकारों की तुलना में 54 प्रतिशत ज्यादा बिजली दी जा रही है।
उन्होंने बताया कि पिछली सरकारों में किसानों को भरपूर बिजली न मिलने से अपने खेतों की सिंचाई डीजल से करने के लिए मजबूर थे। उन्हें प्रति यूनिट 25 रुपये का खर्च आता था। प्रदेश की वर्तमान सरकार में सिंचाई के लिए किसानों को 10 घंटे बिजली मिल रही है। पर्याप्त बिजली मिलने से खर्च अब 1.20 रुपये प्रति यूनिट आ रहा है।
उन्होंने कहा कि अधिकारियों को मुख्यमंत्री के निर्देश हैं कि किसानों के ट्यूबवेल का डिस्कनेक्शन नहीं डोर नॉक करें। उपभोक्ताओं को सही बिल-समय पर बिल जारी करें और उन्हें बिल भरने के लिए प्रेरित करें। (एजेंसी, हि.स.)
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