नई दिल्ली । कोरोना वायरस (Coronavirus) के खिलाफ जंग में गरीब देशों को लाखों की संख्या में वैक्सीन के टीके उपलब्ध कराने के लिए भारत की पूरी दुनिया में तारीफ हो रही है. पड़ोसी देशों को कोरोना वायरस वैक्सीन सप्लाई (Vaccine Supply) करने के बाद भारत अब कैरेबियाई देशों को वैक्सीन दे रहा है. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना से जंग में कैरेबियाई देश पीछे छूट रहे थे, लेकिन भारत की ओर से वैक्सीन की सप्लाई ने उन्हें सहारा दिया है.
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने हाल ही में पड़ोसी देशों नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका, म्यांमार, सेशेल्स और मालदीव वैक्सीन की सप्लाई की है या उन्हें बेचा है. भारत में बनी वैक्सीन अन्य देशों को चीन की वैक्सीन के मुकाबले विकल्प उपलब्ध कराती है. बीजिंग अपनी वैक्सीन को पूरी दुनिया में बेचने की कोशिश में लगा है.
विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारत की योजना अब लैटिन अमेरिका, कैरेबियाई देशों, एशिया और अफ्रीका महाद्वीप को मिलाकर कुल 49 देशों में वैक्सीन सप्लाई करने का है, ये वैक्सीन मुफ्त में उपलब्ध कराई जाएगी. भारत ने “वैक्सीन फ्रेंडशिप” के तहत अब 22.9 मिलियन टीके बांटे हैं, जिनमें से 64.7 लाख टीके अनुदान के रूप में दिए गए हैं. गुरुवार को डोमिनियन रिपब्लिक के आंतरिक मामलों के मंत्री रकैल पेना ने कहा था कि भारत ने उनके देश को कोरोना वायरस वैक्सीन के 30,000 टीके गिफ्ट के तौर पर दिए हैं. इसके अलावा भारत ने डोमिनिका को भी 70 हजार टीके उपलब्ध कराए हैं. वैक्सीन के ये टीके डोमिनिका की पूरी आबादी के टीकाकरण के लिए काफी होंगे. इस महीने की शुरुआत में भारत ने बारबेडोस को 10 हजार टीके उपलब्ध कराए थे. इसके साथ ही भारत ने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के लिए 2 लाख टीके गिफ्ट के तौर पर देने का वादा किया है.
दुनिया भर में भारत की तारीफ
भारत की वैक्सीन डिप्लोमेसी की पूरी दुनिया में तारीफ हो रही है. इंटरनेशनल मीडिया से लेकर अंतरराष्ट्रीय नेताओं ने भारत की खुले दिल से तारीफ की है. हाल ही में किए एक ट्वीट में वॉल स्ट्रीट जर्नल के एरिक बेलमैन ने कहा, “वैश्विक वैक्सीन डिप्लोमेसी की रेस में भारत सबको चौंकाते हुए लीडर बनकर उभरा है. अपने नागरिकों के लिए तय किए गए वैक्सीन के टीकों की संख्या के मुकाबले तीन गुना ज्यादा टीके भारत ने निर्यात किए हैं. साथ ही अपने टीकाकरण कार्यक्रम को बेअसर रखते हुए भारत और ज्यादा वैक्सीन निर्यात कर सकता है.”
न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में लिखा, “भारत, दुनिया का बेजोड़ वैक्सीन निर्माता अपने पड़ोसी दोस्तों और गरीब देशों को करोड़ों की संख्या में वैक्सीन के टीके उपलब्ध करा रहा है.” न्यूयॉर्क टाइम्स ने आगे लिखा है कि भारत, चीन को काउंटर करने की कोशिश कर रहा है, जिसने कोरोना वायरस वैक्सीन को अपने वैश्विक संबंधों के केंद्र में रखा है और तेल की प्रचुरता वाला यूनाइटेड अरब अमीरात अपने सहयोगी देशों की ओर से इन टीकों को खरीद रहा है.
भारत की ओर से कोरोना वायरस वैक्सीन की खेप मिलने के बाद बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने कहा, “1971 के मुक्ति संग्राम के वक्त भारत, बांग्लादेश के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहा. और आज, जब महामारी ने पूरी दुनिया को तबाह कर रखा है, भारत एक बार फिर अपने पड़ोसी के लिए वैक्सीन का तोहफा लेकर आया है.”
नेपाल के स्वास्थ्य और जनसंख्या मंत्री हृदयेश त्रिपाठी ने कहा कि भारत ने अनुदान के रूप में वैक्सीन देकर अपनी सदिच्छा जाहिर की है. मालदीव की पीपुल्स मजलिस (संसद) के स्पीकर मोहम्मद नशीद ने वैक्सीन रूपी तोहफे के लिए भारत का धन्यवाद करते हुए कहा, “नई दिल्ली के लिए मालदीव पहली प्राथमिकता रहा है, भारत हमारा भरोसेमंद दोस्त है.”
गौरतलब है कि पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि भारत कई अन्य देशों के लिए कई सारी कोरोना वायरस वैक्सीन उपलब्ध कराने की योजना बना रहा है. दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि “मौजूदा वक्त में दूसरे देशों को वैक्सीन देकर भारत अन्य देशों में भी लोगों की जान बचा रहा है.” उन्होंने कहा, “भविष्य में हमारे पास कई और वैक्सीन होंगी. भारत में निर्मित हो रहीं वैक्सीन दुनिया को कोरोना वायरस महामारी से लड़ने में मदद करेंगी.”
कोरोना वायरस वैक्सीन निर्मित करने में लगी भारतीय कंपनियों ने इस साल करोड़ों की संख्या में कोरोना वायरस वैक्सीन उपलब्ध कराने का वादा किया है. भारत ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका के साथ साझे में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की ओर से विकसित की गई कोरोना वायरस वैक्सीन कोविशील्ड और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के साथ भारत बॉयोटेक द्वारा विकसित की गई वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दी है. इन दोनों वैक्सीन के साथ देश में टीकाकरण कार्यक्रम चल रहा है.
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