भोपाल। केंद्रीय कानून व विधि मंत्रालय ने जबलपुर, इंदौर, ग्वालियर के सात वकीलों के नाम हाई कोर्ट जज के लिए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को रेफर कर दिए हैं। पिछले एक साल से यह नाम अटके थे। इधर,मप्र हाई कोर्ट से जजेस के रिटायरमेंट, ट्रांसफर और निधन के कारण संंख्ता लगातार घटती जा रही थी। उस अनुपात में नए जजेस प्रिंसिपल बेंच और दोनों खंडपीठ को नहीं मिल पा रहे थे। खास बात यह है कि इन सात में से तीन वकीलों की रिपोर्ट नकारात्मक मिली है। एक वकील के सांसद प्रतिनिधि होने, राजनीतिक दल से जुड़ा होने की जानकारी मिली। दूसरे वकील की आय पैरामीटर में फिट नहीं बैठ पाई। तीसरे वकील की तो वकालत पर ही सवाल खड़े किए गए। हालांकि नकारात्मक रिपोर्ट को नजरअंदाज करने का अधिकार कॉलेजियम को रहता है। सातों नाम क्लियर भी कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट नाम पहुंचने के बाद अब वहां के जस्टिस अभय मनोहर खानविलकर और जस्टिस हेमंत गुप्ता से नाम फाइनल करने से पहले उनकी टिप्पणी ली जाएगी। दोनों ही जज जबलपुर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं। जो नाम भेजे गए हैं उनके बारे में जजेस कितना जानते हैं यह भी टिप्पणी में शामिल रहेगा। सात में से पांच को जज के लिए वारंट जारी किया जा सकता है।
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