लास एंजिलिस । मंगल (Mars ) पर जीवन का संभावना तलाशने के लिए अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (US space agency NASA ) द्वारा भेजे गए मार्स रोवर पर्सिवेरेंस ने अपनी सात महीने की यात्रा (47 करोड़ किमी) करीब-करीब पूरी कर ली है। अब तक का सबसे आधुनिक रोबोटिक एस्ट्रोबायोलाजी लैब (most modern robotic astrobiology lab ) कहा जा रहा यह रोवर (Rover) आज यानी गुरुवार को मंगल की सतह पर लैंड करेगा।
मिशन प्रबंधकों की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, पर्सिवेरेंस की यात्रा के 5.96 लाख किमी बाकी रह गए थे और वह गुरुवार को जेजीरो क्रेटर (Jagero crater) पर लैंड करने के निर्धारित पथ पर आगे बढ़ रहा था। जेजीरो क्रेटर वह जगह है जहां कभी झील और नदी डेल्टा हुआ करता था। 2.7 अरब डालर के इस मिशन का प्राथमिक मकसद इस बात के साक्ष्य जुटाना है कि करीब तीन अरब साल पहले शायद मंगल (Mars) पर सूक्ष्म जीव पनपे हों जब यह ग्रह ज्यादा गर्म (Hot), नम और संभवत: जीवन के ज्यादा अनुकूल था।
नासा इससे पहले चार मोबाइल साइंस व्हीकल (Mobile science vehicle) मंगल पर भेज चुका है, लेकिन पर्सिवेरेंस ज्यादा बड़ा और परिष्कृत है। इसे मंगल की चट्टानों के नमूने पृथ्वी (Earth) पर लाने के लिहाज से डिजाइन किया गया है। ऐसा पहली बार होगा कि जब किसी अन्य ग्रह से ऐसे नमूनों को एकत्रित किया जाएगा। पर्सिवेरेंस की सफलता से इस निष्कर्ष पर पहुंचने की राह खुल जाएगी कि पृथ्वी से परे कभी जीवन था या नहीं। यह अपने साथ परियोजना से जुड़े कुछ खास उपकरण भी लेकर गया है। इनमें एक बेहद छोटा हेलीकाप्टर शामिल है जिसे दूसरे ग्रह पर नियंत्रित उड़ान परीक्षण के लिए बनाया गया है।
साथ ही इस पर एक ऐसा उपकरण भी है जो मंगल के वातावरण में मौजूद कार्बन डाई आक्साइड (Carbon Dioxide) को शुद्ध आक्सीजन (Oxygen) में तब्दील कर सकता है। इसमें एक वेदर स्टेशन, 19 कैमरे और दो माइक्रोफोन भी लगे हैं, इनकी मदद से नासा को ज्यादा स्पष्ट तस्वीरें मिलने की उम्मीद है। पर्सिवेरेंस को मंगल के वातावरण में प्रवेश के बाद जेजीरो क्रेटर की सतह पर पहुंचने में करीब सात मिनट का समय लगेगा। वातावरण में प्रवेश के समय उसकी रफ्तार 19,300 किमी प्रति घंटा रहने की संभावना है।
नासा की जेट प्रोपल्शन लैबोरेट्री की परियोजना (Jet propulsion laboratory) उपप्रबंधक जैनिफर ट्रास्पर ने बताया, ‘मैं आपको बता सकती हूं कि पर्सिवेरेंस बिल्कुल सही तरीके से काम कर रहा है, उसकी सभी प्रणालियां लैंडिंग के लिए तैयार हैं।’ उन्होंने बताया कि मंगल के वातावरण में प्रवेश और लैंडिंग के लिए मिशन इंजीनियरों ने सोमवार रात पर्सिवेरेंस की प्रणालियों को सक्रिय करने के लिए कमांड भेजी थी। रोवर ठीक उसी स्थान की ओर बढ़ रहा है जहां हम उसे लैंड कराना चाहते हैं। आखिरी समय में उसके मार्ग में किसी तरह का बदलाव अपेक्षित नहीं है। फिर भी नासा के इंजीनियर मानते हैं कि छह पहियों वाले और एसयूवी के आकार के इस रोवर को मंगल की सतह पर लैंड कराना इस मिशन का सबसे जोखिम भरा हिस्सा है।
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