जब भी बात आती है लोन या क्रेडिट कार्ड लेने की तो दो कंडीशन सामने आती है – क्रेडिट/सिबिल स्कोर और सिबिल रिपोर्ट (Cibil report) । साथ ही मन में सवाल भी आता है कि ये दोनों चीजें आखिर हैं क्या और इनका लोन और क्रेडिट कार्ड (Credit Card) से क्या लेना देना है। क्रेडिट स्कोर (Credit score) और सिबिल रिपोर्ट (Cibil report) को नजर अंदाज करना ठीक नहीं है।
सबसे पहले क्रेडिट स्कोर
3 अंकों का क्रेडिट/सिबिल स्कोर (Credit score) किसी व्यक्ति की कर्ज अदा करने की साख को नापने का महत्वपूर्ण पैमाना है। लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन की प्रक्रिया में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है। आवेदक द्वारा लोन या Credit Card के लिए आवेदन फॉर्म भरने और उसे ऋणदाता को सौंपने के बाद, ऋणदाता सबसे पहले आवेदक के CIBIL स्कोर और रिपोर्ट की जांच करता है। भारत में चार क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनियां या क्रेडिट ब्यूरो ट्रांसयूनियन सिबिल, इक्विफैक्स , एक्सपेरियन और CRIF हाईमार्क काम करते हैं। इन संस्थानों को व्यक्तियों से जुड़े वित्तीय रिकॉर्ड इकट्ठा करने व बनाए रखने और इस डेटा के आधार पर क्रेडिट रिपोर्ट/क्रेडिट स्कोर जेनरेट करने का लाइसेंस प्राप्त है।
सिबिल रिपोर्ट (Cibil report)
सिबिल रिपोर्ट (Cibil report) यानी CIR। यह किसी व्यक्ति के क्रेडिट पेमेंट की हिस्ट्री होती है, जो कर्जदाता को लोन आवेदक की पात्रता का आकलन करने में मदद करती है। एक व्यक्ति एक निश्चित अवधि में अपने कर्जों को कैसे चुकाता है, सिबिल रिपोर्ट (Cibil report) में उसका पूरा लेखाजोखा रहता है। अगर व्यक्ति दिवालिया हुआ है या देर से कर्ज चुकाया गया है तो यह डिटेल भी रिपोर्ट में रहती है। कुल मिलाकर क्रेडिट रिपोर्ट यह बताती है कि व्यक्ति ने कब-कब लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन किया, किस-किस बैंक/वित्तीय संस्थान से लोन या क्रेडिट कार्ड मिला और लोन या क्रेडिट कार्ड EMI और बिल का भुगतान समय पर किया या नहीं। क्रेडिट रिपोर्ट में यह जानकारी भी रहती है कि किन बैंकों/NBFC ने आपकी क्रेडिट रिपोर्ट की जांच की है।
कितना CIBIL स्कोर माना जाता है अच्छा
CIBIL स्कोर 300 से 900 के बीच होता है और जितना 900 के करीब होता है, लोन आसानी से मंजूर होने के चांस उतने ही बढ़ जाते हैं। 300-579 तक का सिबिल स्कोर खराब, 580-669 तक का संतोषजनक, 670-739 तक का अच्छा, 740-799 तक का बहुत अच्छा और 800-850 तक का स्कोर सर्वोत्तम माना जाता है। क्रेडिट स्कोर कभी भी शून्य नहीं हो सकता है. अगर किसी व्यक्ति की कोई क्रेडिट हिस्ट्री नहीं है या क्रेडिट के लिए बहुत नया है, तो उन्हें क्रेडिट स्कोर “NA” या “NH” के साथ जोड़ा जा सकता है।
आवेदन रिजेक्ट करा सकता है खराब CIBIL स्कोर
अगर CIBIL स्कोर कम है, तो आशंका रहती है कि ऋणदाता आवेदन पर आगे विचार ही न करे और उसी समय आवेदन रिजेक्ट कर दे। अगर CIBIL स्कोर अधिक है, तो कर्ज देने वाला आवेदन और उसकी डिटेल देखने के बाद यह परखेगा कि आवेदक क्रेडिट यानी लोन देने योग्य है या नहीं। हालांकि CIBIL किसी भी मामले में यह फैसला नहीं करता है कि ऋण/क्रेडिट कार्ड की स्वीकृति दी जानी चाहिए या नहीं।
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