भोपाल। जलसंसाधन मंत्री सिलावट ने कहा कि अधिकारियों की लापरवाही, नियम विरूद्ध काम और वित्तीय नुकसान होने पर संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज होगी और आर्थिक हानि होने पर संबंधित दोषी अधिकारियों से राशि वसूली की कार्रवाई की जाएगी। सिलावट ने कहा कि प्रदेश के सभी बांध और नहर परियोजना की ड्राइंग और डिजाइन के लिए मुख्य अभियंता से विचार-विमर्श किया जाये। शिवपुरी जिले की सर्कुला परियोजना की ड्राइंग और डिजाइन को मंजूरी के लिए आईंआईटी रुड़की को भेजने पर सिलावट ने नाराजगी व्यक्त की है। शिवपुरी जिले के बामोर कला में लोअर और कैनाल परियोजना में काम हुए बिना अग्रिम भुगतान होने और भुगतान की तुलना में काम कम होने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने अपर मुख्य सचिव को जांच के लिए कमेटी गठित करने के निर्देश को दिए। मंत्री सिलावट ने कहा कि किसी भी परियोजना का भौतिक सत्यापन होने के उपरांत ही वास्तविक भुगतान की कार्यवाही की जाय। काम से अधिक का भुगतान होने पर संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। निर्धारित समय-सीमा में सभी परियोजनाएँ पूर्ण कराई जाए। उन्होंने कहा कि विलंब होने से परियोजना की लागत बढ़ती है तो संबंधित अधिकारी की जाँच की जाएगी।
50 साल पुरानी नहरों का कराएं परीक्षण
मंत्री ने कहा कि परीक्षण उपरांत 50 साल पुरानी नहरों का जीर्णोद्धार और नवीनीकरण करने के लिये काम शुरू कराया जाए। इसके लिए कार्य-योजना बनाकर आंकलन करें और प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय भेजे। उन्होंने कहा कि पुरानी नहरों को प्राथमिकता से दुरूस्त किया जाये, जिससे नहर टूटने की घटना से किसानों को होने वाले नुकसान से बचाया जा सके।
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