नई दिल्ली । नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध और आंदोलन का बिगुल फूंकने वाले किसानों की न्यायिक लड़ाई 11 वकीलों की टीम (Now a team of 11 lawyers) लड़ेगी। गाजीपुर किसान आंदोलन कमेटी (Ghazipur Farmer Movement Committee) के प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा (Spokesman Jagtar Singh Bajwa) ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा ने वकील फॉर फॉर्मर के तहत 11 वकीलों की टीम यूपी गेट पर किसानों के लिए मिली है।
इनमें एडवोकेट वासु कुकरेजा (टीम लीडर), एडवोकेट जसवंथी, एडवोकेट गौर चौधरी, एडवोकेट देवेंद्र .एस, एडवोकेट सितावत नबी, एडवोकेट फरहद खान, एडवोकेट प्रबनीर, एडवोकेट संदीप कौर, एडवोकेट संदीप कौर, ए. जय किशोरी (पैरा लीगल), रवनीत कौर ( पैरा लीगल) शामिल हैं। उन्होंने बताया कि यूपी गेट पर किसानों से 100 नोटिस की कॉपी मिली है। जो अलग-अलग मामलों की हैं इन सभी को वकीलों के पैनल के पास भेज दिया गया है। इसके बाद पूरा पैनल अपने हिसाब से आगे की कार्रवाई करेगा।
उधर, टीकरी बॉर्डर पर रविवार को कई दिन बाद इस तरह से किसानों को भारी जनसमर्थन प्राप्त हुआ। यहां पर हजारों की तादाद में हरियाणा की खापों के किसान पहुंचे थे। संयुक्त किसान मोर्चा और दलाल खाप के मंच पर दिनभर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का दौर जारी था। जुटी भीड़ को देखकर किसान नेता भी खुश नजर आ रहे थे।
रविवार को छुट्टी का दिन था इसलिये यहां पर अच्छी खासी तादाद में समर्थक पहुंचे थे। अधिकतर नौकरी पेशा वाले लोग रविवार को ही यहां पर आना पसंद करते हैं। दूसरी तरफ पहले जिस तरह से पंजाब से जनसमर्थन मिल रहा था, अब वैसा समर्थन नहीं मिल रहा है। पंजाब के शहरी क्षेत्रों से भारी संख्या में लोग यहां आकर किसान आंदोलन को समर्थन देते थे। लेकिन अब वह जनसमर्थन यहां नजर नहीं आता है। ना ही इस समय पंजाब की तरफ से किसी प्रकार की मदद ही पहुंच रही है।
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर रविवार शाम करीब साढे़ सात बजे किसान और पूर्व सैनिकों ने मिलकर यूपी गेट पर कैंडल मार्च निकाला। इससे पहले पूर्व सैनिक और किसानों ने 24 घंटे के अनशन पर बैठने से पहले राष्ट्रगान गाया। वहीं सभी ने शहीदों की तस्वीरों पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के लिए भी दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।
भाकियू के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने बताया कि पुलवामा हमले की बरसी के मौके पर किसान और पूर्व सैनिकों ने शाम साढे़ सात बजे कैंडल मार्च निकाला। यह मार्च यूपी गेट फ्लाईओवर से नीचे शुरू हुआ जो दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर बने मंच पर संपन्न हुआ। साथ ही किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों को श्रद्धांजलि दी। सुबह सैनिकों ने ही राष्ट्रगान के साथ मंच का संचालन शुरू किया। इसके बाद पूर्व सैनिकों ने आंदोलनकारियों को संबोधित भी किया। जिसमें सैनिकों की पीड़ा बताने के साथ ही किसानों के कंधे से कंधा मिलाकर चलने की बात कही। कैंडल मार्च में भाकियू यूथ विंग के अध्यक्ष गौरव टिकैत, प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन, गाजीपुर बार्डर आंदोलन समिति के सदस्य जगतार सिंह बाजवा, शामली जिलाध्यक्ष कपिल आदि मौजूद रहे।
यादव महासभा के सत्यपाल यादव ने बताया कि किसान एकता मोर्चा के आह्वान पर पुलवामा हमले के वीरों को याद किया गया। सभी वीर जवानों की शहादत को समूचा देश कभी भूल नहीं पाएगा। सभी को उन पर गर्व महसूस होता है। इसके बाद पदाधिकारियों ने कैंडल मार्च में भी हिस्सा लिया। जिसमें सत्यप्रकाश यादव, विनोद यादव, चौ. राजेंद्र, अरुण यादव, मनोज यादव, एमएस प्रसाद, कैप्टन जयनारायण दास आदि मौजूद रहे।
वहीं, इस समय टीकरी बॉर्डर पर खालसा ऐड को छोड़ केवल खाप पंचायतें ही किसानों की मदद कर रही हैं। किसान नेता और हरियाणा भारतीय किसान मोर्चा के अध्यक्ष जोगिंदर घासीराम नैन ने कहा कि लोगों से लगातार जनसमर्थन की अपील की जा रही है।
किसानों का समर्थन कौन करता है औां कौन नहीं करता, यह लोग ही तय करेंगे। लेकिन यदि लोगों ने इस समय किसानों का साथ नहीं दिया तो देश की आने वाली नश्लें कृषि कानूनों का दंश झेलेंगी। उन्हें पूंजीपतियों के चंगुल से बचाने का यही एक तरीका है कि इन कृषि कानूनों को रद्द कराया जाय और सरकार से यह वादा कराया जाय कि वह इस तरह के कानून दोबारा नहीं लेकर आएगी।
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