चंडीगढ़ । घर से भाग कर विवाह करने वाले प्रेमी जोड़े की याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab-Haryana High Courtany) ने स्पष्ट कर दिया कि लड़की नाबालिग (Minor) हो तो उससे शादी (Marriage) करने वाला प्राकृतिक संरक्षक के तौर पर उसके लिए हलफनामा दाखिल नहीं कर सकता। ऐसा अधिकार केवल उसके माता-पिता (Parents) और करीबी रिश्तेदार (Close Relatives) को ही कानून में दिया गया है।
फिरोजपुर के एक प्रेमी जोड़े ने घर से भाग कर शादी की और परिवार से जान को खतरा बताकर सुरक्षा (Security) के लिए हाईकोर्ट से गुहार लगाई थी। याची ने बताया कि वे दोनों एक दूसरे से प्यार करते थे और इंतजार कर रहे थे कि कब लड़की बालिग हो और वह विवाह कर लें।
इस दौरान उनके घर वालों को उनके प्रेम के बारे में जानकारी हो गई और लड़की का विवाह कहीं अन्य करने की तैयारी करने लगे। दोनों का प्यार बना रहे इसलिए उन्होंने घर से भागकर शादी करने का फैसला ले लिया। विवाह करने के बाद दोनों ने फिरोजपुर (Firozpur) के एसएसपी से सुरक्षा की गुहार लगाई, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ। ऐसे में याची को हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ी।
हाईकोर्ट ने याचिका खारिज (application reject) करते हुए कहा कि जब लड़की की आयु (Age) विवाह योग्य ही नहीं है तो उनके विवाह को कैसे वैध (invalid) माना जा सकता है। साथ ही प्रेमी द्वारा अपने हलफनामे में लड़की का प्रतिनिधित्व करने को भी हाईकोर्ट ने गलत करार देते हुए कहा कि ऐसा हलफनामा केवल अभिभावक दे सकते हैं। ऐसे में हलफनामे में लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने प्रेमी जोड़े को बिना कोई राहत देते हुए याचिका को खारिज कर दिया।
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