निगम ने शुरू की तैयारी… राजस्व अमले को दिया प्रशिक्षण… अब पैनल्टी का 50 प्रतिशत जमा करने पर ही अपील अधिकार
इन्दौर। अभी नगर निगम (corporation) रेड झोन के मुताबिक सम्पत्ति (property) कर वसूल करता है, लेकिन अब शासन द्वारा तय की गई कलेक्टर गाइडलाइन (Guideline) के अनुसार सम्पत्ति कर का निर्धारित किया जाएगा, जिससे 1 अप्रैल से सम्पत्ति कर बढ़ भी जाएगा, जिसका विरोध भी शुरू हो गया है। नगर निगम ने नए नियमों के तहत सम्पत्ति कर वसूल करने की तैयारी शुरू कर दी है और निगम के राजस्व अमले को इस संबंध में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अभी जो 5 गुना तक पैनल्टी (penalty) आरोपित की जाती है उस संबंध में मेयर इन काउंसिल में अपील करने पर अब पैनल्टी का 50 प्रतिशत जमा करना पड़ेगा। उसके बाद ही अपील का अधिकार रहेगा। निगम ने कर सलाहकार के साथ राजस्व अमले को कल रविन्द्रनाट्यगृह में प्रशिक्षण भी दिलवाया।
नगर निगम हर साल रेड झोन परिवर्तित कर होशियारी से सम्पत्ति (property) कर बढ़ाता आया है, जिसके चलते पिछले एक दशक में ही दो गुना से अधिक सम्पत्ति कर बढ़ गया है। इसमें हर साल 30 जून तक अग्रिम कर जमा करवाने वालों को छूट भी दी जाती है और फिर उन्हें आकर्षक पुरस्कार भी प्रोत्साहन के रूप में नगर निगम देता है। इस बार भी 200 करोड़ रुपए से अधिक का सम्पत्ति कर नगर निगम ने वसूल कर लिया है। प्रमुख सडक़ों से लेकर अन्य प्रोजेक्टों में आने वाली सम्पत्तियों को भी निगम ने रेड झोन बदलकर महंगा कर दिया। वहीं अब शासन ने नगरीय निकायों की आय बढ़ाने के लिए कलेक्टर गाइड लाइन के मुताबिक सम्पत्ति कर वसूल करने के नियम बनाए हैं, जो कि 1 अप्रैल से इंदौर सहित प्रदेशभर के नगरीय निकायों में लागू हो जाएंगे, जिसके चलते लोगों को अधिक सम्पत्ति कर चुकाना पड़ेगा और हर साल जो सम्पत्ति की गाइडलाइन पंजीयन विभाग बढ़ाता है उसके मुताबिक सम्पत्ति कर भी बढ़ता रहेगा। अपर आयुक्त एसकृष्ण चैतन्य ने बताया कि आयुक्त सुश्री प्रतिभा पाल के निर्देशानुसार शासन की नवीन गाइड लाइन अनुसार संपतिकर के नवनिर्मित नियमों के परिप्रेक्ष्य में नियमों के क्रियान्वयन हेतु रविन्द्र नाटय गृह में राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ प्रशिक्षण कार्यक्रम किया गया। इस अवसर पर अपर आयुक्त एसकृष्ण चैतन्य, अभय राजनगांवकर, कर विशेषज्ञ राकेश गुजराल, उपायुक्त अरूण शर्मा, समस्त सहायक राजस्व अधिकारी व अन्य राजस्व प्रमुख उपस्थित थे। अपर आयुक्त चैतन्य ने बताया कि शासन की नवीन गाइड लाईन अनुसार संपतिकर के नवनिर्मित नियमो के परिप्रेक्ष्य में नियमो के क्रियान्वयन हेतु निगम के राजस्व विभाग के अधिकारियो के लिये प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया, इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में कर विशेषज्ञ राकेश गुजराल द्वारा समस्त राजस्व अमले को संपतिकर के नवनिर्मित नियमों के संबंध में प्रेजेन्टेशन के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी गई। कर विशेषज्ञ राकेश गुजराल ने बताया कि संपति कर किसी भी निकाय के राजस्व का सबसे बडा स्त्रोत होता है, इसलिए कर आधार को तर्कसंगत बनाने हेतु कदम उठाए जाने की आवश्यकता है, इससे नगरीय निकाय के राजस्व में वृद्धि होगी, संपतिकर के प्रबंधन के लिए बेहतर पद्धति और प्रक्रियाओं पर जोर देना आवश्यक है। भारत सरकार द्वारा भी समस्त नगरीय निकायों को अपनी वित्तीय स्थिति सृदृढ़ करने के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिसमें राजस्व आय में वृद्धि की विशेष भूमिका है तथा भविष्य में निकायों की आर्थिक निर्भरता केन्द्र तथा राज्य सरकारो द्वारा दिए जाने वाले अनुदानों को कम हो जाए। कर योग्य संपति मूल्य को तर्कसंगत बनाया जाना चाहिए, क्योंकि कर आधार में वृद्धि करने में नए नियमो के कार्यान्वयन से अपेक्षित परिणाम के फलस्वरूप नगरीय निकाय के राजस्व का प्रमुख स्त्रोत होने के नाते, संपति कर से राजस्व में वृद्धि नगरीय निकाय को आर्थिक रूप से अधिक आत्मनिर्भर बना देगी।
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