बेंगलुरु । कर्नाटक (Karnataka ) की राजधानी बेंगलुरु (Bangalore) के एक स्कूल में पढ़ने वाले 17 वर्षीय छात्र के लिए पिछले कुछ दिन बहुत उतार-चढ़ाव भरे रहे। स्कूल प्रबंधन की तरफ से फीस देने (fees) का दबाव बनाए जाने पर इस छात्र ने आत्महत्या करने का प्रयास किया। जिसके बाद गुरुवार को कर्नाटक के शिक्षा मंत्री एस. सुरेश कुमार (Education Minister S. Suresh Kumar) इस छात्र से मिलने उसके घर पहुंचे, उसका हौसला बढ़ाया और उसे जीवन जीने को लेकर कई टिप्स भी दिए।
आरोप है कि 10वीं में पढ़ने वाले छात्र को उसके सहपाठियों के सामने फीस न जमा करने को लेकर डांटा गया और उसे परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी गई। इस घटना से आहत होकर उसने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या (Suicide) करने का प्रयास किया। उसके घर पहुंचे मंत्री एस. सुरेश कुमार ने उससे कहा कि क्या तुमने कभी सोचा कि ऐसा करने के बाद तुम्हारे माता पिता और बहन के ऊपर क्या बीतेगी? तुम्हें जीवन की समस्याओं का डटकर सामना करना होगा। तुम्हें सूइसाइड जैसी चीजों के बारे में नहीं सोचना चाहिए।
मंत्री ने छात्र के सामने एक मजदूर के बेटे महेश का उदाहरण रखा, जिसने पिछले साल सीनियर सेकेंडरी एक्जॉम (Senior Secondary Exam) में बहुत अच्छे नंबर लाए थे। उन्होंने कहा कि जीवन इसी तरह जीना चाहिए। बहुत सारे लोग महेश की आगे की शिक्षा जारी रखने के लिए मदद के लिए आगे आए। जीवन की विषमताओं के आगे किसी को दिल नहीं हारना चाहिए।
दूसरी ओर, इस मामले में शिक्षा विभाग ने स्कूल प्रबंधन को नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण तलब किया है। विभाग ने पूछा है कि क्यों न स्कूल की मान्यता वापस ले ले जाए। छात्र के परिजनों ने आरोप लगाया है कि स्कूल प्रबंधन के खिलाफ पुलिस कार्रवाई (Police action) करने में असफल रही। पुलिस ने उनकी शिकायत तक नहीं दर्ज की।
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