लंदन । ब्रेग्जिट (Britain’s isolation from EU) के बाद ब्रिटेन के लिए बुरी खबरों का दौर थमता नजर नहीं आ रहा है। देश में बढ़ती महंगाई और कारोबार में मुश्किलों के बीच अब ये खबर आई है कि ब्रेग्जिट के कारण ब्रिटेन को यूरोपियन यूनियन (EU) की तुलना में चार गुना ज्यादा नुकसान होगा। ये अनुमान यूरोपीय आयोग के एक अध्ययन में लगाया गया है। आयोग ने कहा है कि ब्रिटेन की बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) सरकार जिन शर्तों पर ईयू से अलग हुई, उसके कारण 2022 के अंत तक ब्रिटेन के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 2.25 फीसदी की गिरावट आएगी। जबकि इस कारण ईयू के GDP में सिर्फ 0.5 फीसदी की कमी होगी।
आयोग ने कहा है कि ईयू ने जिन शर्तों के साथ अलगाव के लिए ब्रिटेन के साथ व्यापार समझौता किया, उससे ईयू अपने लिए बड़े नुकसान को टालने में कामयाब रहा है। आयोग ने अपने शीतकालीन अनुमान में कहा- अगर ब्रिटेन बिना किसी समझौते के ईयू से अलग होता, तो ईयू को अधिक नुकसान होता। हालांकि ब्रिटेन के साथ रहने पर ईयू को जो लाभ था, वह अब कायम नहीं रहा है।
दूसरे कई अर्थशास्त्री पहले ये ही ये अनुमान जता चुके हैं कि ब्रेग्जिट के कारण ब्रिटेन को ईयू की तुलना में अधिक क्षति होगी। लेकिन यूरोपीय आयोग (The European Commission) ने रिपोर्ट सरकारी आंकड़ों के आधार पर तैयार की है, इसलिए उसके अनुमान को अधिक विश्वसनीय (Authenticated) माना जा रहा है। ये अनुमान ठीक उस समय जारी हुआ है, जब ब्रिटेन में EU के साथ नए नियमों के तहत व्यापार की मुश्किलें ज्यादा जाहिर हो चुकी हैं। पिछले एक जनवरी को लागू हुए ब्रेग्जिट के बाद के सवा महीने में ब्रिटेन के कारोबारियों को कई नई मुसीबतों का सामना करना पड़ा है।
हालांकि दोनों पक्षों में हुए व्यापार समझौते में सीमा पार वस्तुओं की बिक्री पर शून्य टैक्स (Zero Tax) लगने का प्रावधान शामिल किया गया था, लेकिन कारोबारियों को नए किस्म की कागजी औपचारिकताओं, कस्टम चेकिंग और नई प्रणाली को लेकर जारी भ्रम के कारण कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा है। यूरोपीय आयोग ने कहा है कि ऐसी गैर-शुल्क बाधाएं ‘व्यापार सदमे’ (‘Business shock’) की तरह आई हैं। आयोग की गणना के मुताबिक इन बाधाओं के कारण ईयू को ब्रिटेन से आयात पर 10.9 फीसदी और ब्रिटेन को 8.5 फीसदी टैक्स मूल्य के बराबर नुकसान हो रहा है।
ईयू में उन देशों को ज्यादा नुकसान हो रहा है, जिनका ब्रिटेन के साथ कारोबार ज्यादा मात्रा में होता है। आयरलैंड (Ireland) एक ऐसा देश है। आयोग ने कहा है कि सेवाओं के मामले में दोनों पक्षों में कोई समझौता नहीं हो सका है, जिसका ज्यादा नुकसान ब्रिटेन को होगा। ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र का योगदान लगभग 80 फीसदी है।
ब्रिटेन और ईयू के बीच पिछले दिसंबर में आखिरी वक्त पर ब्रेग्जिट (Brexit) के लिए समझौता हुआ था। ब्रिटेन की बोरिस जॉनसन सरकार ने एक जनवरी 2021 से ब्रेग्जिट लागू करने की समयसीमा घोषित की थी। उसने कहा था कि अगर ईयू से कोई समझौता नहीं हो पाया, तो वह नो डील ब्रेग्जिट को लागू करेगी। यानी ब्रिटेन बिना समझौते के ही ईयू से अलग हो जाएगा। यूरोपीय आयोग ने अनुमान लगाया है कि अगर नो डील ब्रेग्जिट होता, तो दोनों पक्षों को अधिक क्षति होती। अब जिस समझौते के तहत ब्रेग्जिट अमल में आया, उससे ईयू अपने नुकसान को एक तिहाई और ब्रिटेन एक चौथाई कम रखने में कामयाब रहे।
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