तेहरान । ईरान (Iran) ने आतंकवादियों और आतंकी संगठनों (Terrorists and terrorist organizations) को शरण देने के लिए पाकिस्तान (Pakistan) को फटकार लगाई है। इस्लामाबाद द्वारा पोषित आतंकी संगठन जैश उल-अदल द्वारा ईरानी सैनिकों के अपहरण के दावे के बाद तेहरान ने यह बात कही है। इस बीच सीमापार आतंकी हमले झेल रहे ईरान ने भारत से मदद मांगी है।
गौरतलब है दोनों देशों के बीच लगभग एक हजार किलोमीटर लंबी सीमा है और हाल के वर्षों में जैश उल-अदल और अन्य आतंकी संगठनों ने सीमा-पार कई हमलों को अंजाम दिया है। ग्रीक सिटी टाइम्स के मुताबिक पांच फरवरी को पाकिस्तान से लगती सीमा पर ईरान ने सर्जिकल ऑपरेशन किया और आतंकी शिविर से अपने दो सैनिकों को छुड़ाने कामयाब रहा। अक्टूबर 2018 में जैश उल-अदल ने ईरान के 12 सैनिकों का अपहरण कर लिया था। यह आतंकी संगठन पाकिस्तान की नेशनल काउंटर टेररिज्म अथॉरिटी (एनएसीटीए) में शामिल है। इस सूची में शामिल कई आतंकी संगठन ईरान-पाकिस्तान सीमा पर सक्रिय हैं।
जैश उल-अदल सिस्तान-बलूचिस्तान क्षेत्र में सक्रिय है। यह क्षेत्र ईरान, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बंटा है। भले ही यह आतंकी संगठन एनएसीटीए की सूची में शामिल है, लेकिन पिछले तीन दशकों से इन आतंकी शिविरों को पाकिस्तान मदद पहुंचा रहा है। भारत, ईरान और अफगानिस्तान सीमा पार आतंकवाद से प्रभावित हैं। ईरान मार्म्स फोर्स के मुहम्मद बाघेरी ने कहा कि जैश उल-अदल द्वारा वर्ष 2019 में किए गए हमले में 27 सैन्यकर्मियों की मौत हो गई थी।
मुहम्मद बाघेरी ने यह भी कहा कि अगर इसी तरह से पाकिस्तान स्थित आतंकी समूहों की गतिविधियां जारी रहती हैं तो ईरान संयुक्त राष्ट्र चार्टर के आधार पर कार्रवाई करने को विवश होगा। मेजर जनरल मुहम्मद अली जाफरी ने कहा कि पाकिस्तान सरकार इस्लाम के लिए खतरनाक इन आतंकी संगठनों के ठिकानों को जानती है और इन्हें उन कृत्यों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए, जो इन्होंने किए हैं।
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